जिला संवाददाता-चरण सिंह क्षेत्रपाल राजधानी से जनता तक

गरियाबंद (देवभोग)-सरकार के समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू हो गया है, ऐसे समय तहसील क्षेत्र देवभोग के पटवारी हल्का 23 के राजस्व ग्राम केंदूवन के 40 से भी अधिक किसानों ने राजस्व विभाग के मनमानी का शिकार हो गए है । चूंकि फसल कटाई के बाद भी अपना धान उपार्जन केन्द्र में नहीं बेच सक रहे हैं ।किसान को अब दफ्तर और पटवारी का चक्कर बार -बार काटना पड़ रहा है । क्योंकि राजस्व विभाग ने ना तो मुनादी कराया है और ना ही किसान,ग्राम पटेल और कोटवार के मौजूदगी में फसल का गिरदावरी कराया गया है। किसानों के द्वारा बताई गई जानकारी के मुताबिक अभी फिलहाल 40 में से 20 किसान ऐसे हैं जिनका राजस्व विभाग द्वारा जारी गिरदावरी रिपोर्ट में कम रकबा बताया गया है, इधर उपार्जन केन्द्र में भी धान खरीदी उसी रिपोर्ट के आधार पर हो रही है जबकि उस रकबे में किसान ने फसल बोया था और अच्छी पैदावार भी हुई है।ऐसे में किसान को अपने फसल रकबे ठीक कराने पटवारी और दफ्तर का चक्कर काटना पड़ रहा है ले दे कर सुधार तो हो रहा है पर इस काम को कराने उन्हें 15 सौ से 2 हजार रुपए तक खर्च करना पड़ रहा है। कुछ ने ठीक करा लिया कुछ के हाथ में पैसा नहीं इसलिये दफ्तर का चक्कर काट रहे है केन्दुवन में लगभग 40 ऐसे किसान है जिनके फसल रकबा में गड़बड़ी देखी गयी है गिरदावरी रिपोर्ट वाले हैं जैसे गोपनाथ ,जगनो, बसंतकुमार दास, डमरूधर यादव, उद्धव तरूण, कामदेव सहित 20 व 25 किसान के रकबे का सुधार नहीं होने से किसानो ने राजस्व विभाग के पटवारी पर सुधार के लिए रकम की मांग करने का किसानों ने खुल कर खुलासा किया है। कुछ किसानों ने रकम देकर अपने रक्बा को ठीक करवा लिए हैं, तो कुछ किसान अपने पास में हाथ में रोकड़ा नहीं होने से दफ्तरौ का बार-बार चक्कर काट रहे हैं। जब किसानों के खेतों में गिरदावरी मौके पर गए नहीं और पिछले साल के सुखे के रिपोर्ट का टु कापी कर थमा दिया पिछले साल नदी पार के 36 गांव में सुखे की स्थिति थी जिसमें केंदूवन गांव भी शामिल था , बीते समय में बनाये गये रिपोर्ट में अधिकांश किसानों का फसल रकबा निरंक बताया गया था बस यही पर राजस्व पटवारी ने लापरवाही बरती मौके पर गयी नहीं और बना दी गिरदावरी रिपोर्ट,पिछले साल के रिपोर्ट को टु कापी कर दिया जिसका खामियाजा केंदूवन के किसान आज भुगत रहे हैं। किसान जब धान बेचने को उपार्जन केन्द्र पहुंच रहे हैं ,तो वहां राजस्व विभाग द्वारा दिये गये गिरदावरी रिपोर्ट के आधार पर निरंक फसल रकबे वाले किसानों को सुधार कर लाने को बताया जा रहा है , इस तरह के करतूतों से ग्रामीण किसान भारी परेशान हैं। किसानों का आरोप सुधार में लग रहा है पैसा पटवारी का कहना ऐसी कोई बात नहीं है बताया गया इधर किसान रकबे के रिपोर्ट सुधारने 15 सौ से 2 हजार लगने की बात कर रहे है किसान तो यहां तक कह रहे हैं ,कि हल्का पटवारी ने इस काम के लिए दो व्यक्तियों अपने साथ में रखा हुआ है, तो उधर वर्तमान हल्का पटवारी नायडु लेन-देन से इंकार कर रहे हैं।वहीं पटवारी नाकेश्वर नायडू ने गिरदावरी रिपोर्ट में गड़बड़ी का जिम्मेदार पूर्व में पदस्थ पटवारी अंजली प्रधान पर डाला।इस संबंध में जब पूर्व राजस्व पटवारी का पक्ष जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन भी नहीं उठायी। करतुत राजस्व विभाग का गांव में विवाद की स्थिति नियमानुसार गिरदावरी रिपोर्ट तैयार करते समय गांव में मुनादी होनी चाहिए ,फिर किसान ग्राम पटेल और कोटवार की मौजूदगी में फसल के रकबे का आंकलन होना चाहिए पर ऐसा हुआ नहीं, पटवारी ने घर बैठ रिपोर्ट तैयार कर दिया और अब गांव के किसान अपने रकबे का रिपोर्ट देख ग्राम पटेल नियक राम यादवऔर कोटवार क्षेत्र मोहन बेहेरा पर नाराजगी जता रहे हैं ऐसे में गांव में विवाद की स्थिति पैदा हो गई है। नाराज़ किसान पटेल और कोटवार पर मिलीभगत कर रिपोर्ट तैयार करने का आरोप लगा रहे हैं जबकि ‌कोटवार और पटेल को भी इस संबंध में जानकारी नहीं है और अपने रकबे में सुधार करने दफ्तर का चक्कर काटना पड़ा है। गिरदावरी रिपोर्ट त्रुटि रहित बनाया गया है, यदि किसान प्रभावित हैं तो निरीक्षण कराकर सुधार की जायेगी लेन-देन का कोई मामला है तो पटवारी पर कारवाई की जाएगी-चितेश कुमार देवांगन
तहसीलदार देवभोग

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Author: Rajdhani Se Janta Tak

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