खतरे के बीच लोग आवागमन करने मे मजबूर
जांजगीर-चांपा । जिला मुयालय में नहर का जाल फैला है। शहर की नहर लाइफ लाइन मानी जाती है। लेकिन यहां बीते दो साल से गिरी सपोर्टिव वाल की मरमत के लिए सिंचाई विभाग के पास समय नहीं है। अभी बीते चार महीने तक नहर में धार चली। अब फिर एक जनवरी से नहर में पानी छोड़ा जाएगा। ऐसे में फिर शहर के लोग जर्जर नहर पार में आवागमन करने मजबूर होंगे। विडंबना यह है कि नहर की मरमत के लिए सिंचाई विभाग के पास बड़ी तादात में फंड भी है, लेकिन सिंचाई विभाग के अफसर नहर के पार की मरमत के लिए ध्यान नहीं दे रहे हैं। इसके चलते इस मार्ग में लोगों को आवागमन करने में डर सता रहा है। खासबर सबसे अधिक परेशानी बीटीआई चौक से लेकर पेंड्री रोड में है। क्योंकि इस रूट में दिन भर वाहन चालकों का आवागमन होते रहता है। लोगों को इस बात का डर सताते रहता है कि कहीं सड़क ही भर-भराकर गिर न जाए। गौरतलब है कि जिले के बीच शहर से नहर गुजरी है। नहर की सुरक्षा के लिए सपोर्टिंव वॉल पहली बारिश में ही गिर चुकी है। क्योंकि अधिकतर सड़कें कमजोर है और दीवार भी बहुत घटिया क्वालिटी की बनी है। जसके चलते दीवारें टूटने लगी है। ऐसे में आवागमन करने वालों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
दुर्घटना की वजह से टूटती है वॉल
नहर पार में जब से चमचमाती सड़क बनी है लोग इस रूट में आवागमन बहुत लोग करने लगे हैं। शार्टकट के फेर में यह सड़क सबसे व्यस्ततम सड़क मार्ग बनते जा रहा है। इसके चलते इस मार्ग में आए दिन हादसे भी हो रहे हैं। खासकर रात को इस रूट में आवागमन करना खतरे से खाली नहीं है। यदि लोग जरा सी भी लापरवाही किए तो नहर में गिर सकते हैं। क्योंकि इसी नहर की दीवारों के टूटने से कई लोग लबालब नहर में समा चुके हैं। हालांकि हादसे में अब तक किसी की जान नहीं गई है। यदि समय रहते नहर के वॉल की मरमत नहीं की गई तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
सिंचाई विभाग के अफसर नहीं उठाते फोन
सिंचाई विभाग के अफसरों को फोन उठाने का समय नहीं है। इस संबंध में हमारे प्रतिनिधि ने सिंचाई विभाग के एसडीओ व कार्यपालन अभियंता शशांक सिंह को फोन लगाया लेकिन उन्होंने फोन उठाना लाजिमी नहीं समझा। ऐसे में अफसरों की कार्यशैली पर सवाल उठने लगा है। पत्रकारों से मिलने का समय किया निर्धारित एक तरफ जहां पत्रकारों को चौथा स्तंभ माना जाता है वह किसी भी समस्या के लिए कभी भी अधिकारियों से मुलाकात कर बात कर सकते हैं परंतु वही नहर विभाग के कार्यपालन अभियंता शशांक सिंह पत्रकारों से मिलने के लिए भी समय निर्धारित कर रखे हैं सुबह 11 से 12 के उपरांत किसी पत्रकार को ना तो केबिन में घुसने देते हैं और नहीं किसी प्रकार की बात करते हैं कभी कबार तो यहां तक होता है कि अधिकारी उस समय ऑफिस भी नहीं पहुंचते हैं अगर पत्रकारों को वर्जन चाहिए तो वह किसका दरवाजा खटखटाए
Author: Rajdhani Se Janta Tak
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