भारतीय जनता पार्टी मंडल महावीरगंज के समस्त कार्यकर्ताओं द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री श्रधेया श्री

अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती, दिवस  मनाया गया

बलरामपुर । संदीप यादव। सुशासन दिवस भारत के तीन बार प्रधानमंत्री रहे स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ा हुआ है। भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर को हुआ था। उनकी जयंती को ही सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है। आइए जानते हैं अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातें और यह दिन क्यों मनाया जाता है।

 अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती –

25 दिसंबर का दिन दुनियाभर में खास महत्व रखता है। इस दिन विश्व के कई देश क्रिसमस का पर्व धूमधाम से मनाते हैं। लेकिन भारत के लिए 25 दिसंबर का एक अलग ही महत्व है। भारत के इतिहास में यह तारीख न केवल क्रिसमस डे के रूप में बल्कि सुशासन दिवस के रूप में भी दर्ज है। हर साल भारतीय 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के रूप में मनाते हैं। लेकिन सवाल यह है कि सुशासन दिवस क्यों मनाया जाता है और इसकी शुरुआत कब हुई? इस दिवस का उद्देश्य क्या है?

सुशासन दिवस भारत के तीन बार प्रधानमंत्री रहे स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ा हुआ है। भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर को हुआ था। उनकी जयंती को ही सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है।आइए जानते हैं अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातें और यह दिन क्यों मनाया जाता है।

अटल बिहारी वाजपेयी का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। वे पत्रकार बनना चाहते थे, लेकिन बाद में राजनीति में आ गए। उनके जीवन का एक अनोखा प्रसंग यह है कि उन्होंने अपने पिता के साथ डीएवी कॉलेज से लॉ की पढ़ाई की। दोनों एक ही क्लास में बैठते थे और हॉस्टल में एक ही कमरे में रहते थे। जब उनके दोस्तों को यह बात पता चली तो उन्होंने और उनके पिता ने अपने सेक्शन बदल लिए।

25 दिसंबर को है अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती, पढ़े उनके अनमोल विचार

वाजपेयी के भाषण की खासियत

अटल बिहारी वाजपेयी अपनी वक्तृत्व कला के लिए प्रसिद्ध थे। वे जब भी किसी जनसभा में शामिल होते थे, भाषण से पहले और बाद में काली मिर्च और मिश्री का सेवन करते थे। खासतौर पर उनके लिए मथुरा से मिश्री मंगवाई जाती थी।

तोहफों के प्रति वाजपेयी का दृष्टिकोण

अटल बिहारी वाजपेयी को तोहफे पसंद नहीं थे। वे गिफ्ट लेने की परंपरा के सख्त खिलाफ थे। हालांकि, उन्हें खाने-पीने का बहुत शौक था और वे घर पर बने भोजन को सबसे बड़ा तोहफा मानते थे।

राजनीति में योगदान और नेतृत्व

अटल बिहारी वाजपेयी एक आदर्श राजनेता थे। वे पहले ऐसे प्रधानमंत्री थे जिन्होंने 26 राजनीतिक दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई। वे तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने। उनके जीवन के प्रारंभिक दिनों में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में शामिल हुए। हालांकि, उनकी बहन अक्सर उनकी खाकी पैंट फेंक देती थीं क्योंकि उनके पिता सरकारी कर्मचारी थे और परिवार चाहता था कि वे राजनीति से दूर रहें।

वाजपेयी के शौक और रुचियां

अटल बिहारी वाजपेयी को हिंदी सिनेमा से गहरा लगाव था। उनकी पसंदीदा फिल्म ‘उमराव जान’ थी। उन्हें गोलगप्पे खाना बेहद पसंद था। रिपोर्ट्स के अनुसार, वे गोलगप्पे वाले को ऊपर कमरे में बुलाकर मसालेदार गोलगप्पे खाते थे। वाजपेयी मांसाहारी भोजन के भी शौकीन थे और उन्हें खासतौर पर मछली खाना पसंद था।

सुशासन दिवस का महत्व

अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर हर साल 25 दिसंबर को भारत में सुशासन दिवस मनाया जाता है। 2015 में, अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया। इसके बाद, मोदी सरकार ने वाजपेयी जी की जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य नागरिकों, विशेष रूप से छात्रों को सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही के प्रति जागरूक करना है। इसका लक्ष्य बेहतर प्रशासनिक कार्यप्रणाली और नागरिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना है।

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वाजपेयी के भाषण की खासियत

अटल बिहारी वाजपेयी अपनी वक्तृत्व कला के लिए प्रसिद्ध थे। वे जब भी किसी जनसभा में शामिल होते थे, भाषण से पहले और बाद में काली मिर्च और मिश्री का सेवन करते थे। खासतौर पर उनके लिए मथुरा से मिश्री मंगवाई जाती थी।

तोहफों के प्रति वाजपेयी का दृष्टिकोण

अटल बिहारी वाजपेयी को तोहफे पसंद नहीं थे। वे गिफ्ट लेने की परंपरा के सख्त खिलाफ थे। हालांकि, उन्हें खाने-पीने का बहुत शौक था और वे घर पर बने भोजन को सबसे बड़ा तोहफा मानते थे।

राजनीति में योगदान और नेतृत्व

अटल बिहारी वाजपेयी एक आदर्श राजनेता थे। वे पहले ऐसे प्रधानमंत्री थे जिन्होंने 26 राजनीतिक दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई। वे तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने। उनके जीवन के प्रारंभिक दिनों में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में शामिल हुए। हालांकि, उनकी बहन अक्सर उनकी खाकी पैंट फेंक देती थीं क्योंकि उनके पिता सरकारी कर्मचारी थे और परिवार चाहता था कि वे राजनीति से दूर रहें।

वाजपेयी के शौक और रुचियां

अटल बिहारी वाजपेयी को हिंदी सिनेमा से गहरा लगाव था। उनकी पसंदीदा फिल्म ‘उमराव जान’ थी। उन्हें गोलगप्पे खाना बेहद पसंद था। रिपोर्ट्स के अनुसार, वे गोलगप्पे वाले को ऊपर कमरे में बुलाकर मसालेदार गोलगप्पे खाते थे। वाजपेयी मांसाहारी भोजन के भी शौकीन थे और उन्हें खासतौर पर मछली खाना पसंद था।

सुशासन दिवस का महत्व

अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर हर साल 25 दिसंबर को भारत में सुशासन दिवस मनाया जाता है। 2015 में, अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया। इसके बाद, मोदी सरकार ने वाजपेयी जी की जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य नागरिकों, विशेष रूप से छात्रों को सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही के प्रति जागरूक करना है। इसका लक्ष्य बेहतर प्रशासनिक कार्यप्रणाली और नागरिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना  किए थे।  आज 25 दिसंबर  2024 को भारतीय जनता पार्टी मंडल के समस्त एवं वरिष्ठ एवं कनिष्ठ भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी के जन्म जयंती के अवसर पर सुशासन दिवस के रूप में मनाया गया जिसमें समस्त भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता में मंडल महावीरगंज के सभी ग्रामीण के बीच में जन्म जयंती कार्यक्रम को संपन्न किया गया।

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

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