राजधानी से जनता तक । गरियाबंद । जिला संवाददाता-चरण सिंह क्षेत्रपाल । ब्लाक मुख्यालय से लगे ग्राम पंचायतों में अवैध रूप से ईंट भट्ठे चल रहे हैं,इन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही नहीं होने से अवैध भट्ठे की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। इससे पर्यावरण प्रदूषण तो हों रही हैं, अपितु राजस्व का भी नुक़सान हो रहा है।
तेजी से संचालित हैं, अवैध ईंट भट्टी
ब्लाक में अवैध ईंट भट्ठों का कारोबार जमकर तेजी से चल रहा है, इससे खनिज विभाग को हर महीने लाखों रुपए के राजस्व की हानी हो रही है। अवैध ईंट भट्ठे के संचालकों पर कानूनी कार्रवाई नहीं होने से उनकी हौसले बुलंद हैं, यह कुम्हार जाति को मिलें छूट का लाभ रसूखदार लोग उठा रहे हैं।
शासन -प्रशासन से बिना अनुमति ईंट भट्टी का अवैध कारोबार हो रहा है संचालित
अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में लाल ईंट भट्टी का अवैध निर्माण कर मोटी रकम कमाई करने में जुटे हैं, खनिज विभाग के द्वारा बताई गई जानकारी के मुताबिक जिले में गिनती के ईंट भट्ठा संचालकों द्वारा विभागीय औपचारिक पूरी की गई है। जबकि ज्यादातर भट्ठे, अवैध ढंग से संचालित हो रहा है। शहरी की तुलना में अभी ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों ईंट भट्ठे का कारोबार बगैर विभागीय अधिकारियों के अनुमति और न ही रायल्टी जमा किए ईंट भट्टी का अवैध कारोबार धल्ले से चल रहा है। इसे राजस्व विभाग को लाखों रुपए का नुक़सान हो रहा है।
क्या वजह है जोकि अवैध कारोबार पर रोक नहीं लगाई जा रही है ?
क्षेत्र में जितने भी गांव है जहां अवैध कारोबार पर नहीं लगा पा रही हैं, प्रशासन लगाम ? सबसे ज्यादा अवैध ईंट भट्ठी का कारोबार वनांचल क्षेत्र में संचालित हैं, अवैध रूप से बड़े पैमाने पर सभी ईंट भट्टी में भारी मात्रा में लकड़ियां की जरूरतें होती है, तो उसे जंगलों को अंधाधुंध कटाई कर भट्ठे में खपाये जाते है। मगर इसे रोकने वाला यहां कोई नहीं है, वहीं यहां के ईंट भट्ठे पर न तो प्रशासन लगाम लगा पा रहा है, और न ही किसी तरह रायल्टी वसूली हो पा रही है, शासन -प्रशासन के नियम कायदे को ईंट भट्ठे के संचालकों ने ताक परख दिया है।
क्या अवैध कारोबार विभाग की मौन से मनमानी ढंग से संचालित हैं ?
ईंट भट्ठे संचालकों ने न तो प्रशासन से किसी तरह की अनुमति लेना जरूरी समझते हैं, और न ही रायल्टी की राशि जमा करते हैं। खनिज विभाग की अनदेखी से ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही हैं। जबकि लाल ईंट बनाने ईंट भट्टी संचालकों द्वारा कई जगहों पर ईंट भट्टी का निर्माण कर लाखों रुपए की कमाई की जा रही है। इसके द्वारा प्राकृतिक पर्यावरण को भी दूषित किया जा रहा है।
क्या इन ईंट भट्टी संचालकों को विभागीय अधिकारी तत्काल नोटिस जारी कर सकते है
गांव अंचलों के सभी आम नागरिक जनों का कहना है ,कि ग्रामीणांचलों में दिनों-दिन पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता जा रहा है, यह सब जंगलों की लकड़ियों को अवैध तरीके से अंधाधुंध कटाई से पर्यावरण को भारी प्रभावित हो रही हैं। चूंकि इस दुनिया में अब लाखों लोग धुआं रहित वाहनों का प्रयोग किया जा रहा है,इन वाहनों से प्रतिदिन जहरीले गैस निकल रही हैं,इसे हम सभी लोग श्वास लें रहें हैं, दूषित गैस को श्वास लेने की वजह से लोग फेफड़े की बिमारी से ग्रसित हो रहें हैं।इन अवैध पैडों की कटाई से शासन -प्रशासन नियंत्रण किया जाना अत्यंत आवश्यक है।

Author: Rajdhani Se Janta Tak
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