चेन्नई । फिल्मों में अक्सर देखा जाता है कि पीड़ित या गवाह को सुरक्षा देकर कोर्ट में पेश किया जाता है ताकि न्याय मिल सके। लेकिन चेन्नई में बलात्कार के एक मामले में यह हकीकत बन गया। यहां दस साल पहले हुए एक रेप केस की सुनवाई चल रही थी, जब अचानक दस साल से लापता चल रही पीड़िता कोर्ट में पेश हुई और 12 साल की उम्र में अपने साथ हुई हैवानियत की दर्दनाक कहानी बयां की। पीड़िता की साहसिक गवाही के आधार पर कोर्ट ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और सरकार को पीड़ित को 15 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। यह चौंकाने वाली घटना साल 2015 की है। उस वक्त 12 साल की एक मासूम बच्ची चेन्नई में अपने परिवार के साथ किराए के मकान में रहती थी। मकान मालिक के 41 वर्षीय दामाद अब्बास अली की उस बच्ची पर बुरी नज़र थी। 7 फरवरी 2015 को अब्बास अली ने बच्ची का अपहरण कर लिया और उसे चेन्नई से करीब 400 किलोमीटर दूर डिंडीगुल ले गया। वहां एक होटल में उसने बच्ची के साथ बलात्कार किया और फिर उसे वहीं छोड़कर फरार हो गया। इधर, चेन्नई में बच्ची के परिजनों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। दो दिन बाद किसी तरह बच्ची अपने घर पहुंची और अपनी मां को आपबीती सुनाई। मां ने बच्ची को लेकर तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन इसके बाद कुछ ऐसा हुआ जो इस केस को जटिल बना गया। आरोपी से जान का खतरा महसूस होने पर परिवार ने चेन्नई छोड़ दिया। बच्ची और उसकी मां एक गांव में जाकर रहने लगीं, लेकिन आरोपी अब्बास अली ने उन्हें वहां भी ढूंढ निकाला और वापस चेन्नई जाने या कोर्ट में गवाही देने पर जान से मारने की धमकी दी। मां-बेटी जैसे-तैसे वहां से भी निकलीं। अपनी रोज़मर्रा की ज़रूरतें पूरी करने के लिए दोनों मां-बेटी मज़दूरी करने लगीं और छिपकर रहने लगीं। इस बीच, चेन्नई कोर्ट में यह केस चलता रहा और राज्य की ऑल वुमन पुलिस (All Woman Police) लगातार उनकी तलाश करती रही। आखिरकार, पिछले साल पुलिस मां-बेटी को ढूंढने में कामयाब हो गई। सरकारी वकील अनीता ने बताया कि बच्ची को पूरी सुरक्षा के साथ चेन्नई लाया गया और कोर्ट में पेश किया गया। अब 22 साल की हो चुकी पीड़िता शुरुआत में अपनी आपबीती बताने में झिझक रही थी, लेकिन फिर उसने 12 साल की उम्र में अपने साथ हुई उस भयानक दरिंदगी को पूरी हिम्मत से कोर्ट के सामने बयान किया। पीड़िता की गवाही, घटना के बाद उसे और उसकी मां को झेलना पड़ा मानसिक और आर्थिक उत्पीड़न, और दस सालों तक न्याय की लड़ाई को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने आरोपी अब्बास अली को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई। इसके साथ ही कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को पीड़ित बेटी को 15 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया।

Author: Rajdhani Se Janta Tak
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