नवीन दांदडें जिला प्रमुख

सुकमा/ सुकमा जिले के कोंटा विकासखण्ड से लगभग 125 किमी दूर सुरपनगुड़ा गांव बसा हुआ है। चारों ओर से घने जंगलों और पहाड़ियों से घिरा यह गांव अपनी अलग पहचान रखता है। यहां के बच्चे भी बाकी बच्चों की तरह हँसते-खेलते हैं, लेकिन उनकी हँसी स्कूल की दहलीज़ पर पहुंचते ही जैसे धीमी पड़ जाती थी। शासकीय प्राथमिक शाला सुरपनगुड़ा में कक्षाएँ तो थीं, पर नियमित शिक्षक की कमी थी। स्कूल में बच्चों के शिक्षा का जिम्मा शिक्षादूत के हाथों में थी। माता-पिता चिंतित थे, वे चाहते थे कि उनके बच्चे पढ़-लिखकर जीवन में आगे बढ़ें लेकिन शिक्षकों की कमी उनके लिए एक अधूरा सपना बन गई थी। शासन के युक्तिकरण प्रक्रिया से उनके सपनों में जान आई। छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा लागू की गई युक्तिकरण योजना का मुख्य उद्देश्य स्कूलों में बच्चों की संख्या के अनुसार शिक्षकों की पदस्थापना करना है। यह योजना सुरपनगुड़ा तक भी पहुँची और एक नई सुबह की शुरुआत हुई। छत्तीसगढ़ शासन के युक्तिकरण प्रक्रिया से कोंटा विकासखंड में स्थित माओवाद प्रभावित नियद नेल्लानार ग्राम सुरपनगुड़ा के प्राथमिक शाला में एक नियमित शिक्षक की नियुक्ति की गई है।
उल्लेखनीय है यहाँ पूर्व में प्राथमिक शाला सुरपनगुड़ा में शिक्षादूत के द्वारा बच्चों को पढ़ाया जा रहा था। इस स्कूल में कोई नियमित शिक्षक नहीं था। कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव की अध्यक्षता में युक्तिकरण की प्रक्रिया के द्वारा स्कूल में शिक्षकों के पदस्थापना का रास्ता आसान हो गया और सुरपनगुड़ा स्कूल में नियमित शिक्षक की नियुक्ति की गई। संवेदनशील अंदरूनी क्षेत्र होने के बावजूद वहाँ शिक्षक अपनी ज़िम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे रहे हैं। अभिभावक भी शिक्षा के प्रति जागरूक हो रहे हैं और अपने बच्चों को लगातार स्कूल भेज रहे हैं। स्कूल में मिलने वाला मध्यान्ह भोजन भी बच्चों को आकर्षित करता है और बच्चे ख़ुशी ख़ुशी स्कूल में दोपहर का भोजन करते हैं।

Author: Rajdhani Se Janta Tak
राजधानी से जनता तक न्यूज वेबसाइट के आलावा दैनिक अखबार, यूटयूब चैनल के माध्यम से भी लोगो तक तमाम छोटी बड़ी खबरो निष्पक्ष रूप से सेवा पहुंचाती है