पचपेड़ी के किसानों की मांग मस्तूरी के एसडीएम को सप्ताह में एक दिन तहसील में बैठाने की अपील

मस्तूरी-छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले की पचपेड़ी तहसील के किसानों ने अपनी समस्याओं को लेकर एक महत्वपूर्ण मांग रखी है। क्षेत्र में 68 ग्राम और 48 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत आने वाले हजारों किसानों को राजस्व और प्रशासनिक कार्यों के लिए 50 से 60 किलोमीटर दूर मस्तूरी जाना पड़ता है। इससे न केवल उनका समय बर्बाद होता है, बल्कि आर्थिक रूप से भी उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। किसानों की सुविधा के लिए अब यह मांग उठाई गई है कि अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) मस्तूरी सप्ताह में कम से कम एक दिन, विशेष रूप से शुक्रवार को पचपेड़ी तहसील में बैठें।

पचपेड़ी में संचालित हैं प्रशासनिक व सामाजिक सुविधाएं

पचपेड़ी तहसील में पहले से ही थाना, स्कूल, महाविद्यालय, आईटीआई, बैंक और स्वास्थ्य केंद्र जैसी सुविधाएं संचालित हैं। इसके साथ ही यह क्षेत्र तीन राजस्व मंडलों का संचालन भी करता है। ऐसे में यहां एसडीएम की साप्ताहिक उपस्थिति से प्रशासनिक कार्यों का निपटारा ग्रामीण क्षेत्र में ही हो सकेगा और लोगों को मस्तूरी नहीं जाना पड़ेगा।

दूर जाने की मजबूरी बन रही किसानों की परेशानी

किसानों का कहना है कि मस्तूरी जैसे दूरस्थ स्थान तक बार-बार जाना उन्हें आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचा रहा है। कई बार एक साधारण काम के लिए भी पूरा दिन खराब हो जाता है। साथ ही बस या निजी वाहन से यात्रा करने में अतिरिक्त खर्च आता है।

सप्ताह में एक दिन एसडीएम की उपस्थिति की मांग

इन समस्याओं को लेकर पचपेड़ी के ग्रामीणों ने मिलकर मस्तूरी के अनुविभागीय अधिकारी से अनुरोध किया है कि वे सप्ताह में कम से कम एक दिन, विशेष रूप से शुक्रवार को पचपेड़ी तहसील कार्यालय में बैठें। इससे किसानों और आम नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी।

ग्रामीण प्रतिनिधियों ने सौंपा ज्ञापन

इस मांग को लेकर सुरेश खटकर (अध्यक्ष), रमेश सूर्यकांत (उपाध्यक्ष), राजेश गुप्ता, सतानन्द, दिव्या, रंजीत राय, घनश्याम खूंटे, मुकेश कांत और ईश्वर महिलांगे ने मिलकर अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। सभी ने एक स्वर में कहा कि यह पहल किसानों और ग्रामीणों की समस्याओं का स्थायी समाधान साबित हो सकती है।

Ravindra Tandan
Author: Ravindra Tandan

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