भिनोदा के ग्रामीणों का सराहनीय कदम: सरकारी स्कूल में लगवाए निजी शिक्षक

संवाददाता अशोक मनहर 

भिनोदा के ग्रामीणों का अनोखा प्रयास: सरकारी स्कूल को प्राइवेट से बेहतर बनाने की पहल

सरसींवा(सारंगढ़-बिलाईगढ़)

ग्राम भिनोदा ने शिक्षा के क्षेत्र में ऐसा कदम उठाया है, जो पूरे जिले ही नहीं बल्कि प्रदेश के लिए एक मिसाल बन सकता है। जहाँ शासन-प्रशासन अपनी जिम्मेदारी निभाने में पीछे रह जाता है, वहीं जागरूक ग्रामीण अपने बच्चों की पढ़ाई और भविष्य को संवारने के लिए खुद आगे आ गए हैं।

 

ग्रामीणों ने उठाया शिक्षा सुधार का जिम्मा :- भिनोदा के सरकारी स्कूल में लंबे समय से शिक्षकों की कमी बनी हुई थी। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी और अभिभावकों को चिंता सताने लगी थी कि उनके बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित न रह जाएँ। ऐसे समय में ग्रामीणों ने एक विशेष ग्रामसभा बुलाकर सामूहिक निर्णय लिया कि गाँव के स्कूल को प्राइवेट स्कूल से बेहतर बनाना है। ग्रामसभा में तय हुआ कि शिक्षक की कमी को पूरा करने के लिए ग्रामीण स्वयं तीन निजी शिक्षक (प्राइवेट टीचर) रखेंगे और उनकी तनख्वाह का खर्चा पूरा गाँव मिलकर उठाएगा।

जिम्मेदारी का अनोखा उदाहरण:- ग्रामीणों ने बताया कि वे इस समस्या को लेकर कई बार कलेक्टर जनदर्शन, सुशासन तिहार और शिक्षा विभाग तक गुहार लगा चुके थे। लेकिन शासन-प्रशासन ने कोई ठोस पहल नहीं की। अंततः गाँव के लोगों ने कहा –

“अगर सरकार हमारी मदद नहीं करेगी, तो हम खुद अपने बच्चों का भविष्य संवारेंगे।” यह निर्णय इस बात का प्रमाण है कि भिनोदा के लोग शिक्षा को सबसे बड़ा निवेश मानते हैं। आज स्थिति यह है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं, जिससे हर साल छात्रों की संख्या घटती जा रही है। दूसरी तरफ प्राइवेट स्कूल तेजी से बढ़ रहे हैं और बच्चों की भीड़ वहाँ खिंच रही है। लेकिन भिनोदा के लोगों ने यह ठान लिया है कि वे अपने गाँव के सरकारी स्कूल को ही इतना मजबूत बनाएँगे कि बच्चे बाहर जाने को मजबूर न हों। यह पहल न सिर्फ बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाएगी बल्कि पूरे समाज को यह संदेश देगी कि शिक्षा के बिना विकास संभव नहीं।

गाँव की सराहनीय जागरूकता:- भिनोदा की इस पहल की हर तरफ प्रशंसा हो रही है। गाँव के लोग एकजुट होकर यह साबित कर रहे हैं कि अगर संकल्प और सहयोग हो तो किसी भी कठिनाई का समाधान निकाला जा सकता है। गाँव के बुजुर्गों ने कहा –”हम चाहते हैं कि आने वाली पीढ़ी हमसे बेहतर शिक्षा पाए। अगर सरकार सहयोग नहीं कर रही है तो हम अपने बच्चों को पीछे नहीं रहने देंगे।” भिनोदा की यह पहल पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा है। यहाँ के ग्रामीणों ने यह साबित कर दिया है कि शिक्षा सुधार सिर्फ शासन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज की भी जिम्मेदारी है। अगर इसी तरह हर गाँव अपने बच्चों की शिक्षा को प्राथमिकता दे, तो सरकारी स्कूल भी फिर से मजबूती पा सकते हैं और शिक्षा का स्तर गाँव से शहर तक सुधर सकता है।

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

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