शिक्षकों की संवेदनशीलता बनी संजीवनी, सड़क पर तड़पती जिंदगियों को मिली नई जिंदगी

राजधानी से जनता तक कोरबा। कभी-कभी इंसानियत के छोटे से कदम कई परिवारों के लिए वरदान बन जाते हैं। एक मार्मिक तस्वीर गुरुवार की सुबह कॉफी प्वाइंट मार्ग पर देखने को मिली। रोज़ की तरह लेमरू मिडिल स्कूल के प्रधान पाठक और शिक्षक चंद्रलाल शांडिल्य ड्यूटी कर कोरबा वापस लौट रहे थे। शिक्षकों ने सड़क किनारे दिल दहला देने वाला दृश्य देखा। बालको थाना इलाके के

कॉफी प्वाइंट के पास मुख्य मार्ग पर स्कूटी दुर्घटनाग्रस्त पड़ी थी।चार लोग सड़क पर लहूलुहान अवस्था में तड़प रहे थे। एक मासूम बच्ची दर्द से कराह रही थी। राहगीर अनदेखा कर गुजर रहे थे, लेकिन शिक्षक चंद्रलाल शांडिल्य ने संवेदनशीलता की मिशाल पेश की। अपनी गाड़ी रोकी और घायलों को अपनी गाड़ी में सवार कर बालको अस्पताल पहुँचाया। समय रहते उपचार मिलने पर एक परिवार को नई जिंदगी मिली। अस्पताल में जब घायलों ने होश सँभाला तो उनकी आँखों में कृतज्ञता के आँसू थे। वे बार-बार यही कहते रहे – “अगर ये शिक्षक हमें समय पर नहीं बचाते, तो शायद हम ज़िंदा न होते। स्थानीय लोगों ने शिक्षकों के इस मानवीय कर्तव्य की सराहना की और कहा कि शिक्षक सिर्फ बच्चों को शिक्षा देने तक ही सीमित नहीं रहते, बल्कि समाज में मानवता का जीवंत उदाहरण भी प्रस्तुत करते हैं।

Sangam Dubey
Author: Sangam Dubey

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