बड़सरा पंचायत का धांधली खेल, नॉमिनी बनाकर उठाया राशन, मृतक घोषित कर बचाया आरोपी।

मोहन प्रताप सिंह
राजधानी से जनता तक, सूरजपुर/भैयाथान:– जिले की भैयाथान विकासखंड की ग्राम पंचायत बड़सरा में चार साल से चल रहे मृतक के नाम पर राशन उठाने के खेल ने घोटाले का रूप ले लिया है। जनप्रतिनिधियों की सांठगांठ और प्रशासन की चुप्पी ने इसे इतना गहरा कर दिया कि आरोपी को बचाने के लिए ग्रामसभा में मृतक घोषित करने तक का खेल रचा गया।
यादव के घर में साहू कैसे बन गया नॉमिनी?
ग्रामवासी रामअधार यादव ने बताया कि उनके पिता स्व. भागवत यादव के नाम पर बने राशन कार्ड (क्रमांक 226485987835) पर राकेश कुमार (आधार के अंतिम चार अंक 3235) को नॉमिनी बनाकर लगातार राशन उठाया जा रहा था।
सवाल ही सवाल
क्या पिछले चार वर्षों से भूत उठा रहा राशन, जैसा ग्रामसभा प्रस्ताव में स्पष्ट है?, जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी कार्रवाई में क्यों हिचकिचा रहे हैं?, क्या किसी अदृश्य शक्ति या संरक्षण ने आरोपियों को सुरक्षित रखा?, क्या पंचायत में इसी तरह और भी कई प्रकरण चल रहे हैं?
खाद्य निरीक्षक की रिपोर्ट, अपराध सिद्ध, प्रशासन दबाने में व्यस्त
भैयाथान खाद्य निरीक्षक की जांच में साफ लिखा गया है कि राकेश कुमार उर्फ राजेश साहू का कृत्य छत्तीसगढ़ सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2016 और आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत दंडनीय है। लेकिन एसडीएम भैयाथान ने रिपोर्ट दबा दी और कोई कार्रवाई नहीं हुई।
जनता एकजुट, प्रशासन मौन, ग्रामसभा ने दिया अल्टीमेटम
9 मई 2025 को हुई ग्रामसभा में ग्रामीणों ने मृतक के नाम पर राशन कार्ड रद्द करने का प्रस्ताव पारित किया। 43 ग्रामीणों के हस्ताक्षर इस कदम का प्रमाण हैं। राशन दुकान संचालक ने साफ कहा: फर्जी सूची स्वीकार नहीं करेंगे। सरपंच ने इसे त्रुटि बताया। सवाल यही है, यह केवल त्रुटि थी या सुनियोजित साजिश?
सत्ता और लालच की गहरी साज़िश, जाति से परे भ्रष्टाचार
स्व. भागवत यादव और आरोपी राकेश साहू अलग जातियों के हैं। इसका मतलब साफ है—यह भ्रष्टाचार सत्ता संरक्षण और लालच की गहरी साज़िश है। नॉमिनी योजना में बदलाव के दौरान कौन-कौन से पंचायती कर्मचारी और जनप्रतिनिधि शामिल थे, यह अब जांच का विषय है।
अपराध सिद्ध, कार्रवाई शून्य, जनता का सवाल, कब जागेगा प्रशासन?
43 ग्रामीणों के हस्ताक्षर, मृतक पुत्र की शिकायत और खाद्य निरीक्षक की रिपोर्ट, सबूतों का ढेर प्रशासन की मेज पर है।
लेकिन कार्रवाई शून्य है। अपराध सिद्ध होने के बावजूद कार्रवाई क्यों नहीं?, सत्ता के दबाव में प्रशासन कब तक घुटने टेकता रहेगा?
घोटाले की 5 बड़ी सच्चाइयाँ
चार साल से मृतक के नाम पर राशन उठाव जारी। 43 ग्रामीणों ने हस्ताक्षर कर घोटाले का खुलासा किया। खाद्य निरीक्षक की रिपोर्ट में अपराध स्पष्ट। एसडीएम ने रिपोर्ट दबाई, कार्रवाई ठप। आरोपी को बचाने ग्रामसभा में मृतक घोषित कर दिया गया।
