ब्यूरो:-भरत दुर्गम(विहान)

दोरला समाज स्थापना दिवस, आवापल्ली
आवापल्ली। जिले के आवापल्ली में रविवार को दोरला समाज का स्थापना दिवस बड़े ही हर्ष और उत्साह के साथ मनाया गया। सुबह से ही समाज के लोगों का जत्था पारंपरिक वेशभूषा और वाद्य यंत्रों के साथ आयोजन स्थल पर पहुँचने लगा। देखते ही देखते हजारों की संख्या में लोग जुट गए और पूरा परिसर उत्सवमय माहौल में तब्दील हो गया।
कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक पूजा-अर्चना के साथ की गई। इस दौरान समाज के बुजुर्गों और प्रमुखों ने रीति-रिवाजों के अनुसार पूजा कर समाज की सुख-समृद्धि और नई पीढ़ी की उन्नति की कामना की। पूजा के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों का दौर शुरू हुआ, जिसमें लोकनृत्य, गीत और परंपरागत वाद्य यंत्रों की थाप ने समां बाँध दिया। महिला, युवक-युवतियों और बच्चों ने अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस अवसर पर समाज प्रमुखों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है, लेकिन इसके साथ ही लोग अपनी जड़ों और संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं। आज जरूरत है कि समाज के लोग अपनी भाषा, वेशभूषा, परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर को सहेजकर रखें। उन्होंने युवाओं से विशेष रूप से अपील की कि वे आधुनिकता के साथ-साथ अपनी पहचान और परंपरा पर गर्व करें और उसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाएँ।
स्थापना दिवस के इस अवसर पर कई सामाजिक मुद्दों पर भी चर्चा हुई। शिक्षा, नशा मुक्ति और सामाजिक एकता को लेकर समाज के वरिष्ठ सदस्यों ने मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन न सिर्फ लोगों को जोड़ते हैं, बल्कि नई पीढ़ी को अपनी परंपराओं से परिचित कराने और सामाजिक एकता को मजबूत करने का भी काम करते हैं।
आवापल्ली में आयोजित यह भव्य उत्सव देर शाम तक चलता रहा। पूरे दिन समाज के लोग गीत-संगीत और नृत्य की धुनों में झूमते रहे। दूर-दराज़ से आए समाज के लोगों ने भी इस आयोजन को ऐतिहासिक बताया और कहा कि ऐसे कार्यक्रम समाज को संगठित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे।

Author: Rajdhani Se Janta Tak
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