अरपा कोल वाशरी को, जमीन आबंटन का विरोध,क्षेत्र के युवा नेता करण मधुकर ने किया दावा आपत्ती

रविन्द्र टंडन

मस्तूरी:-अरपा कोल बैनिफिकेशन एंड एनर्जी एलएलपी के रास्ते के लिए शासकीय जमीन का आबंटन को लेकर क्षेत्र के युवा नेता करण मधुकर एवं ग्रामीणों ने विरोध जताया है। अरपा कोल बैनिफिकेशन एंड एनर्जी एलएलपी में आने जाने के लिए 28 डिसमिल शासकीय जमीन आबंटित करने की मांग की गई जिसे लेकर अतिरिक्त तहसीलदार ने आपत्ति दावा के लिए इश्तहार जारी किया था जिसमे ग्रामीणों ने आपत्ति दर्ज करने प्रशासन के समक्ष शिकायत करने आज 14 अक्टूबर को क्षेत्र के युवा वरिष्ठ नेता करण मधुकर ने ग्रामीणों के सहयोग से दावा आपत्ति प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत किया हैं।

युवा वरिष्ठ नेता ने शिकायत में बताया कि विनोद मित्तल द्वारा ग्राम रलिया, भिलाई एवं बेलटुकरी में खोले जाने वाले कोल वैनिफिकेशन एंड एनर्जी शासकीय भूमि खसरा नंबर 206, 28 डिसमिल को अपने निजी लाभ हेतु रास्ता बनाना एवं – कब्जा करना चाह रहा है। जो आम रास्ता नहीं शासकीय जमीन है एवं सरकारी भूमि पर कब्जा करना राजस्व सहिंता 1959 कि धारा 248 के तहत अपराध है भ्रष्टाचार है। अरपा कोल बैनिफिकेशन खोलने के संबंध में जनसुनवाई हुई जिसमें 95 प्रतिशत लोगों के द्वारा कोल वाशरी का विरोध किया गया था।

क्षेत्र के वरिष्ठ नेता एवं ग्रामीणों एवं अन्य ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों का कहना है कि एनटीपीसी एवं अन्य संचालित कोल वाशरी यहां आसपास संचालित है। जिससे राखड़, जहरीली विषैले पानी से प्रदूषण के रिसाव एवं अन्य अपशिष्ट पदार्थ से क्षेत्र कि जनता का स्वास्थ पर बुरा प्रभाव पड़ा है और खेत व फसल तबाह हो रहे हैं।अब ऐसे स्थिति में एक नया अरपाकोल वाशरी खुल जाने से क्षेत्र में प्रदूषण कि दोहरी मार झेलनी पड़ेगी और लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा।

इसके अतिरिक्त भिलाई, रलिया, बेलट्रकारी, गतौरा, जयराम नगर एवं अन्य गांव को जोड़ने वाला सड़क जर्जर एवं बड़े बड़े गड्‌ढे हो चुके है। जो की एकमात्र रास्ता है। जो पूरी तरह यह रास्ता गांवों को जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से बनी है, जिसकी भार क्षमता 10-12 एनटीपीसी एवं संचालित कोल टन की है किन्तु अन्य वाशरी के द्वारा बड़े बड़े ट्रेलर एवं ट्रको की भार क्षमता 80-90 टन का क उपयोग किया जाता है जिससे यहां के लोगो का चलना दुर्भर हो गया है। अब नया कोल वाशरी खुलने से उक्त क्षेत्र के लोग और परेशान हो का जाएंगे।

Ravindra Tandan
Author: Ravindra Tandan

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