नक्सल प्रभावित गोगुंडा के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता — नवनिर्मित सुरक्षा कैंप की स्थापना से माओवादियों का बेस इलाका ध्वस्त

जिला प्रमुख नवीन दांदडें 

सुकमा – जिला पुलिस प्रशासन और सुरक्षा बलों ने नक्सल प्रभावित गोगुंडा के अत्यंत दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में नया सुरक्षा कैंप स्थापित कर एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। जिस क्षेत्र में आज तक कच्चा मार्ग तक उपलब्ध नहीं था, वहां सुरक्षाबलों ने खड़ी पहाड़ी, घने जंगल और तेज ढलानों को काटकर सुरक्षित सड़क मार्ग बनाते हुए पहाड़ी के शीर्ष पर कैंप की स्थापना सफलतापूर्वक पूरी की।

 

यह कैंप न केवल माओवादियों के दरभा डिवीजन के बेस क्षेत्र को कमजोर करता है, बल्कि इलाके में पहली बार सड़क पहुंचने से ग्रामीणों को भी बड़ा लाभ मिलने लगा है। चारों दिशाओं से आवागमन आसान होने के बाद ग्रामीण पहली बार सहज रूप से मुख्यधारा की सुविधाओं से जुड़ सकेंगे।

 

IG सीआरपीएफ ने किया निरीक्षण, जवानों का बढ़ाया मनोबल

 

03 नवंबर 2025 को महानिरीक्षक (सीआरपीएफ) सीजी सेक्टर श्री शालीन ने गोगुंडा कैंप का निरीक्षण किया। उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था, संचार प्रणाली, नक्सल रोधी अभियानों की रणनीतियों और संचालन स्तर की समीक्षा की।

इस दौरान उप महानिरीक्षक (परि) सीआरपीएफ रेंज सुकमा श्री आनंद सिंह राजपुरोहित, पुलिस अधीक्षक सुकमा श्री किरण चव्हाण, कमांडेंट 74वीं वाहिनी सीआरपीएफ श्री हिमांशु पांडेय सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

 

IG ने जवानों के कठिन परिश्रम और मनोबल की सराहना करते हुए कहा कि यह कैंप क्षेत्र के लोगों के लिए सुरक्षा कवच की तरह कार्य करेगा और ग्रामीणों में विश्वास व सुरक्षा की भावना को मजबूत करेगा।

 

स्थापना के दौरान आइईडी ब्लास्ट में 2 जवान घायल

 

कैंप स्थापना के दौरान माओवादियों द्वारा लगाए गए एक आईईडी विस्फोट में

 

01 सीआरपीएफ जवान,

 

01 जिला पुलिस बल सुकमा की महिला जवान

घायल हुए थे। दोनों का उच्चस्तरीय उपचार जारी है और वर्तमान में उनकी हालत सामान्य बताई गई है।

 

‘नियद नेल्ला नार’ योजना के तहत स्थापित — विकास की नई राह

 

कैंप की स्थापना छत्तीसगढ़ शासन की “नियद नेल्ला नार” योजना के अंतर्गत की गई है, जिसका उद्देश्य नक्सल प्रभावित इलाकों को सुरक्षा और विकास की मुख्यधारा में लाना है।

सड़क बनने से गोगुंडा और आसपास के पहुंचहीन गांवों के ग्रामीणों को अब पहली बार सुरक्षित, सुगम और नियमित आवागमन की सुविधा मिलने लगी है।

 

नक्सल उन्मूलन में तेजी — सुकमा में 21 नए कैंप, 587 नक्सली आत्मसमर्पण

 

वर्ष 2024 से अब तक जिले में कुल 21 नए कैंप स्थापित किए जा चुके हैं, जिससे नक्सल उन्मूलन अभियान में गति आई है। इसी अवधि में—

 

587 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया,

 

68 माओवादी मारे गए,

 

450 माओवादी गिरफ्तार किए गए हैं।

 

 

नवीन कैंपों की स्थापना से सुरक्षा बलों की पहुंच बढ़ी है और रणनीतिक क्षेत्रों में माओवादियों का दबदबा तेजी से टूट रहा है।

 

एसपी सुकमा किरण चव्हाण (IPS) का बयान

 

“जिला सुकमा पुलिस की प्राथमिकता है कि सुरक्षा और विकास हर गांव तक पहुंचे। गोगुंडा में नवीन कैंप स्थापना इसी संकल्प का परिणाम है। आगे भी ऐसे दुर्गम क्षेत्रों में सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने का कार्य लगातार जारी रहेगा।”

 

संयुक्त प्रयासों से संभव हुई उपलब्धि

 

गोगुंडा कैंप की स्थापना में जिला पुलिस बल सुकमा, डीआरजी सुकमा, और 74वीं वाहिनी सीआरपीएफ की संयुक्त भूमिका रही।

यह कैंप एरिया डॉमिनेशन, गांवों तक सरकारी योजनाओं की पहुंच, विकास कार्यों की सुरक्षा, और नक्सल विरोधी अभियानों को नई मजबूती प्रदान करेगा।

 

गोगुंडा कैंप की स्थापना न केवल सुरक्षा बलों की रणनीतिक सफलता है, बल्कि ग्रामीणों के जीवन में शांति, सुरक्षा और विकास की नई दिशा देने वाला ऐतिहासिक कदम साबित होगी।

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

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