संवाददाता अशोक मनहर

1. सर्वदलीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन में शामिल हुए क्षेत्र के विभिन्न दलों और सामाजिक संगठनों के जनप्रतिनिधि
2. धरना स्थल में हजारों की संख्या में शामिल हुए युवा एवं महिलाएं
3. जनता का कहना शिक्षा के अधिकारों से खिलवाड़ बर्दाश्त नही किया जाएगा ।
4. सड़क से सदन तक की लड़ाई के लिए है जनता है तैयार
5. सरसींवा में शासकीय महाविद्यालय को लेकर राजीनीति गरमाई
6. सुगम परिवहन और मुख्यमार्ग पर स्थित है सरसींवा
सरसीवा में स्थापित होने वाले शासकीय महाविद्यालय को सुदूर ग्रामीण क्षेत्र धोबनी में स्थानांतरित करने के खिलाफ आज क्षेत्र की जनता सड़कों पर उतर आई। 8 दिसम्बर को सरसीवा नगर के हृदयस्थल बस स्टैंड परिसर में आयोजित एक दिवसीय विशाल सर्वदलीय धरना प्रदर्शन में क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, सभी राजनीतिक दलों के पदाधिकारी, सामाजिक संगठन, युवा वर्ग, अभिभावक एवं हजारों की संख्या में नागरिक एक स्वर में एकत्रित हुए। यह वह क्षण था जब पहली बार सरसीवा में सभी दल एक मंच पर आकर युवाओं के शिक्षा व सरसींवा के हक अधिकार और क्षेत्रीय विकास के लिए एकजुट हुए।
पृष्ठभूमि: प्रक्रिया पूर्ण, बजट शेष—फिर भी कॉलेज को दूरस्थ गांव में ले जाने की कोशिश
गौरतलब है कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में पूर्व विधायक चन्द्रदेव राय के प्रयासों से सरसीवा में शासकीय महाविद्यालय खोले जाने संबंधी संपूर्ण प्रशासनिक एवं तकनीकी प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी थी।
जिसमे स्थान चयन व भू-चिह्नांकन विभागीय अनुशंसा फ़ाइल की मंत्रालय स्तर पर प्रगति
सभी चरण समाप्त हो चुके थे। केवल अंतिम बजट स्वीकृति शेष थी। इसके बावजूद वर्तमान में कुछ निजी स्वार्थगत व्यक्तियों के कूटनीति के चलते महाविद्यालय को सरसीवा से हटाकर धोबनी जैसे दूरस्थ गांव जहाँ उचित सड़क, परिवहन, बस-सुविधाएँ तक उपलब्ध नहीं – में स्थानांतरित करने की पहल शुरू हो गई, जिससे क्षेत्र की जनता में गहरा आक्रोश है।
धरना स्थल पर जनसैलाब
इस शिक्षा की लड़ाई में ‘सर्वदलीय एकता’ ऐतिहासिक
धरना स्थल बस स्टैंड परिसर जनसागर में तब्दील हो गया। युवाओं ने शिक्षा बचाओ के नारे लगाए ।
जहाँ अभिभावकों ने कहा कि कॉलेज को दूर ले जाना गरीब-बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है। बड़े घरों के बच्चे आज उच्च शिक्षा प्राप्त करने बड़े शहरों में चले जाते है जहाँ शिक्षा के लिए भुगतना गरीब परिवार के बच्चो को पड़ता है ।
जनप्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से कहा कि सरसीवा के अधिकारों का हनन बर्दाश्त नहीं होगा । उल्लेखनीय है कि अनुसूचित जाति बाहुल्य यह क्षेत्र सरसींवा यहाँ के गंदी राजनीति के चलते उपेक्षित और विकास से कोषों दूर रहा है । यहाँ की निजी स्वार्थगत राजनैतिक तत्वों ने हमेसा इस क्षेत्र के विकास में विराम लगाने की कोशिशें की है ।
सरसींवा क्षेत्र की आम जनता एवं सर्वदलीय जनप्रतिनिधियों की एक ही मांग है कि शासकीय महाविद्यालय सरसीवा में ही खोला जाए, किसी भी स्थिति में धोबनी स्थानांतरण स्वीकार नहीं होगा ।
जहाँ आज धरनास्थल पर पहुंचे सर्वदलीय मंच पर जनता ने एक स्वर में चेतावनी दी है कि –
हमारा हक छीना गया तो आंदोलन और उग्र होगा सरसीवा की शिक्षा व्यवस्था से खिलवाड़ किसी कीमत पर मंजूर नहीं किया जाएगा ।
गौरतलब है कि यह ऐतिहासिक सर्वदलीय धरना सरसीवा के नागरिक अधिकारों और शिक्षा व्यवस्था के संरक्षण की दृढ़ घोषणा थी । यह प्रदर्शन न सिर्फ भाजपा, कांग्रेस, बसपा सहित सभी दलों की अभूतपूर्व एकता का प्रतीक रहा, बल्कि इसने प्रशासन को यह स्पष्ट संदेश दे दिया कि सरसीवा का सरकारी कॉलेज सरसीवा में ही खुलेगा -यह जनता का निर्णय है।
वर्सन –
1. पूर्वर्ती सरकार में मैंने सरसींवा क्षेत्र के युवाओं की समस्या को ध्यान में रखकर सरसींवा में शासकीय महाविद्यालय की स्वीकृति कराने हेतु प्रयास किया जहां समस्त औपचारिकता पूर्ण कराई जा चुकी थी केवल बजट में शामिल होना शेष था । सरसींवा के हितों के साथ खिलवाड़ बर्दास्त नहीं किया जयेगा । वर्तमान सरकार इस क्षेत्र के मांगो और हितों के साथ खिलवाड़ नही कर सकती । ऐसा होने पर हम क्षेत्र की जनता सहित विशाल आंदोलन करेंगे । क्षेत्र का विकास सर्वोपरि है क्षेत्र के विकास कार्यो में किसी भी प्रकार का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जावेगा।
– चंद्रदेव राय पूर्व विधायक बिलाईगढ़
2. हमारा यह सरसींवा अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्र है जहाँ आज उच्च शिक्षा हेतु क्षेत्र के छात्रों को भटकना पड़ता है । राजनैतिक षड्यंत्र से सरसींवा में खुलने वाले शासकीय महाविद्यालय को एकाएक अन्यत्र स्थानांतरित करना सरसींवा एवं क्षेत्र की जनता के हक और अधिकारियों का हनन है । किसी प्रकार की उपेक्षा बर्दास्त नही किया जाएगा । यदि सरसींवा के हकों से खिलवाड़ हुआ तो हम क्षेत्र की जनता के साथ विशाल जन आंदोलन हेतु बाध्य होंगे ।
– रेशम कुर्रे पार्षद सरसींवा, पूर्व सभापति जिला पंचायत बलौदाबाजार
3. सरसींवा में खुलने वाले महाविद्यालय को अन्यत्र स्थानांतरण कराए जाने का प्रयास निंदनीय है । क्षेत्र की जनता जागरूक है सरसींवा क्षेत्र के विकास और हक लिए जो भी उचित होगा लड़ाई लड़ेंगे ।
ताराचंद देवांगन जिलाध्यक्ष कांग्रेस
4. चारो दिशाओं से सुगम परिवहन व्यवस्था से घिरा सरसींवा जो एक व्यपारिक केंद्र है ,यहाँ खुलने वाले महाविद्यालय को अन्यत्र सुदूर ग्रामीण इलाके में स्थानांतरित करने का षड्यंत्र पूर्वक प्रयास सरसींवा तथा क्षेत्र की जनता के हक और अधिकारों पर कुठाराघात है । सरसींवा के हक के लिए हम सड़क से सदन तक कूच करने तैयार है ।
नीतीश बंजारे ,पूर्व अध्यक्ष नगरपंचायत सरसींवा
5. सरसींवा में खुलने वाले शासकीय महाविद्यालय को दूरस्थ ग्रामीण इलाके में स्थानांतरित करने का मांग किसी भी दृष्टि से न्यायोचित नही है । सरसींवा के हक और अधिकारों की रक्षा के लिए भारतीय जनता पार्टी सदैव जनता और क्षेत्रवासियों के साथ है । आम जन निश्चिंत रहें विष्णु के सुशासन में सरसींवा के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय नही होगा ।
बेदराम जांगड़े -प्रदेश प्रवक्ता भाजपा
6. सरसींवा में खुलने वाले शासकीय महाविद्यालय को दूरस्थ ग्राम धोबनी स्थानांतरित करने का प्रयास क्षेत्र के हक और अधिकारों का हनन है । युवा पीढ़ी के भविष्य के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण है । सरसींवा इस पूरे क्षेत्र का केंद्र बिंदु जहाँ परिवहन के सुगम साधन है । सरसींवा सभी भगौलिक दृष्टिकोण से शासकीय कॉलेज हेतु पूर्ण अहारता रखता है सरसींवा के हक के साथ किसी भी प्रकार की राजनीति न्यायोचित नही है । हम सभी वरिष्ठ भी सरसींवा के हक की लड़ाई में युवाओं के साथ है ।
गोपाल पांडेय -वरिष्ठ पत्रकार एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता
Author: Rajdhani Se Janta Tak
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