राजधानी से जनता तक न्यूज/ चरण सिंह क्षेत्रपाल

गरियाबंद/देवभोग – आज 25 दिसम्बर सन् 2025 , गुरुवार को देवभोग ब्लाक के सभी ग्राम पंचायतों में भारत देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न से सम्मानित श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई जी की जन्म शताब्दी समारोह झाखरपारा मडंल अध्यक्ष भगवानों बेहरा के नेतृत्व में झाखरपारा केन्दूवन शिवालय पवित्र प्रांगण को साफ-सफाई करने के पश्चात अटल बिहारी वाजपेई के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित व दीप प्रज्ज्वलित कर जन्म शताब्दी वर्ष मनाई गई । इस अवसर पर झाखरपारा मण्डल अध्यक्ष भगवानों बेहरा ने संबोधित करते हुए कहा कि अटल जी भारत के ही नहीं बल्कि विश्व के सर्वमान्य नेता थे। सिर्फ राजनेता ही नहीं बल्कि एक कवि, पत्रकार, लेखक, वक्ता व युगदृष्टा थे,अटल जी एक दूरदर्शी नेता, कुशल वक्ता और कवि थे, जिन्होंने निःस्वार्थ भाव से देश की सेवा की ओर भारत को एक मजबूत राष्ट्र बनाने का सपना देखा।
आरंभिक जीवन
अटल बिहारी वाजपेई जी का जन्म 25 दिसम्बर सन् 1924 को ग्वालियर मध्यप्रदेश में हुआ था । उन्होंने ग्वालियर के विक्टोरिया कालेज और कानपुर के डीएवी कॉलेज में पढ़ाई की। तथा आरएसएस से जुड़े और पत्रकारिता की पांचजन्य व राष्ट्र धर्म जैसे प्रकाशनों का संपादन किया ।
राजनीति में करियर
जनसंघ से भाजपा भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में एक ओर बाद में भाजपा के पहले अध्यक्ष बने । सांसद 9 बार, लोकसभा और 2 बार राज्यसभा के लिए चुनें गए, एक रिकॉर्ड है। प्रधानमंत्री 3 बार रहे सन् 1996 से सन् 1998 तक व सन् 1999 से सन् 2004 तक व इनके अलावा गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे,जो कि कार्यकाल पूरा रहे।
मुख्य उपलब्धियां
अटल बिहारी वाजपेई अपने शासनकाल में भारत देश को परमाणु ऊर्जा सम्पन्न राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सड़कें स्वर्णिम चतुर्भुज योजना और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना गांवों-गांवों में शुरू की गई।
विदेश नीति
बाजपेई ने दिल्ली और लाहौर बस सेवा शुरू की, उनके शासन काल में कारगिल युद्ध हुआ तो उसमें भारत की जीत हुई उनके सफल नेतृत्व रही है। बाजपेई ने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में भाषण देने वाले पहले भारतीय बने।
व्यक्तित्व और विरासत
अटल बिहारी वाजपेई एक कवि और वक्ता, संवेदनशील कवि तथा ओजस्वी वक्ता थे, मेरी इक्यावन कविताएं उनकी प्रसिद्ध रचना है।
सम्मान
अटल बिहारी वाजपेई को भारत देश की सेवा में सक्रिय भूमिका निभाने में उन्हें बड़ी सम्मान पद्मभूषण अवॉर्ड सन् 1992 में सम्मानित किया गया, सर्वश्रेष्ठ सांसद सन् 1994 और भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
निधन
जब स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण राजनीति से सेवा निवृत्त हुए, तथा सन् 2005 से वे राजनीति से सन्यास ले चुके थे। और अचानक स्वास्थ्य बिगड़ी लंबी बीमारी के कारण 16 अगस्त सन् 2018 को निधन हुआ।
निष्कर्ष
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने हमें सिखाया की राजनीति में शुचिता उच्च आदर्श राष्ट्र भक्ति को कैसे जीवित रखा जा सकता है, सरकारी आती जाती रहती है, पार्टियां बनती बिगड़ती रहती है, लेकिन देश रहना चाहिए उनका यह कथन आज भी प्रासंगिक है
। अटल जी की विरासत हमें हमेशा प्रेरित करती रहेगी कि हम एक ऐसा भारत बनाए जो न्याय गरिमा और समृद्धि से परिपूर्ण हो। आज के इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से झाखरपारा मण्डल अध्यक्ष भगवानों बेहरा,अजा जिला उपाध्यक्ष पदुलोचन जगत, जुबराज यादव झिरीपानी सहकारी समिति अध्यक्ष,पूर्व मण्डल अध्यक्ष सीताराम यादव,सनत कुमार मांझी पूर्व सरपंच, विनोद कुमार यादव महामंत्री, दुष्यन्त कुमार पात्र युवा मोर्चा अध्यक्ष, गजानन यादव, डमरूधर यादव व अन्य सभी जेष्ठ श्रेष्ठ कार्यकर्ता कार्यक्रम में उपस्थित थे।
Author: Rajdhani Se Janta Tak
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