नगर पालिका निगम रायगढ़ का नया कारनामा हुआ उजागर फर्जी कागजों के आधार पर पिछले 17 सालों से नगर निगम रायगढ़ मे कार्यरत सूचना के अधिकार से मिली जानकारी के अनुसार हुआ खुलासा

नगर पालिका निगम रायगढ़ का नया कारनामा हुआ उजागर

फर्जी कागजों के आधार पर पिछले 17 सालों से नगर निगम रायगढ़ मे कार्यरत

सूचना के अधिकार से मिली जानकारी के अनुसार हुआ खुलासा

रायगढ़/नगर निगम यू तो नये नये कारनामो का जन्मदाता शुरू से रहा है। और अपने गर्भ में पता नही कितने ही कारनामो को छुपाए बैठा है ।जिसकी जानकारी आम जन को तो नही है ।पर वहा पदों पर विराजमान धृतराष्ट्र की श्रेणी के लोगो को इसकी जानकारी है और जान कर भी मौन है तो क्यों ? मौन रह कर अपना कौन सा दायित्व पूर्ण कर रहे है । और इसके जानने वाले किस प्रकार के और कौन से लाभ के ले लिए संरक्षण दिया जा रहा है और क्यों ? जानें पूरा मामला क्या है
शिव कुमार दाऊ पिता स्व.भभूत सिंह दाऊ बेलालादुल निवासी नगर निगम रायगढ़ में पम्प अटेंडेंट के रूप में 2006 से वर्तमान 2023 तक निरंतर कार्यरत है । और अपने संरक्षण कर्ताओ की दयादृष्टि से फल फूल भी रहे है ।
17 वर्षो की इस लंबी अवधि में आज तक इस बात का ध्यान निगम के दस्तावेज विभाग के कर्मचारियो का ध्यान इस तरफ क्यों नहीं गया या जानकर थोड़े से आर्थिक लाभ के लिए अपने मुंह को बंद रखना उचित समझ कर अपने दायित्व का निर्वाह किया जा रहा है ।
शिव कुमार दाऊ जिन्होंने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आई. टी.आई.)से सीटमेटल में प्रशिक्षण प्राप्त किया और जिसके आधार पर ये आज रायगढ़ नगर निगम में कार्यरत है। अब सारी कहानी इनके इसी आईटीआई के प्रमाण पत्र में है जिसके आधार पर इन्हें नौकरी प्राप्त हुई है।
अब मामला ये है की इसे उस वक्त के निगम पदाधिकारियों की दयादृष्टि समझे या शिव कुमार दाऊ का दिया कोई प्रलोभन जो इनके दस्तावेज में इतनी बड़ी और स्पष्ट रूप दिखाई देने वाली चीज को उस वक्त अनदेखा किया गया और शिव कुमार दाऊ को नोकरी दिया गया जब की इनके आई टी आई के मार्कशीट जिसमे उनका नाम पिता का नाम कुछ भी स्पष्ट नही है। सूचना के आधार पर मिलीं सत्य प्रतिलिपि से ये बात पूरी तरह से साबित होती है की निगम द्वारा शिव कुमार दाऊ पर दयादृष्टि की गई पर क्यों की गई है
यदि जनसूचना अधिकारी चाहते तो मूल दस्तावेज का निरक्षण करने के पश्चात जानकारी दे सकते थे पर उन्होंने ने भी शिव कुमार दाऊ को अपना संरक्षण दिया।और सबसे बड़ी बात इस दस्तावेज सत्यापन कर्ता अधिकारी की है जी मूल प्रति देख कर मिलान करके उसे विभाग को सौपा जाता है अब उन्हीं किस प्रकार का मिलान किया दस्तावेजो का ये आई टी आई के प्रमाणपत्र को देख कर कोई भी अंदाजा लगा सकता है की किस प्रकार से फर्जी दस्तावेजो के सहारे नगर निगम रायगढ़ मे नौकरी किया जा सकता है

Prakash Sharma
Author: Prakash Sharma

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