कृषि महाविद्यालय के रावे छात्रों ने फसल कीट सुरक्षा हेतु किया फेरोमोन ट्रैप का प्रदर्शन
संवाददाता लक्ष्मी रजक
खैरागढ़। खैरागढ़ रानी अवंती बाई लोधी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र – छुईखदान के चतुर्थ वर्ष के छात्र हिरेंद्र कुमार तथा राहुल मारकंडे द्वारा “ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव” (RAWE) के अंतर्गत दिनांक 20 अक्टूबर को ग्राम भूलाटोला के किसानों को फसल सुरक्षा के संदर्भ में बताते हुए टमाटर में लगाने वाले कीट फल छेदक (फ्रूट बोरर ) के नियंत्रण के लिए फेरोमोन ट्रैप का प्रदर्शन किया गया छात्रों ने किसानों को जानकारी देते हुए बताया कि फेरोमोन ट्रैप को गंधपाश के नाम से भी जाना जाता है यह एक प्रकार का साधारण बना हुआ उपकरण है इसमें कीप के आकार के मुख्य भाग पर लगे ढक्कन पर मादा कीट की गंध का ल्यूर लगाया जाता है, इससे नर कीड़े आकर्षित होते हैं इस प्रकार हर प्रकार के कीड़ो का ल्यूर अलग-अलग आता है जिसका कीमत महज 20 से 30 रुपए है जो की कृषि सेवा केंद्र में उपलब्ध होता है जिस कीट की मादा का ल्यूर लगाया जाता है उस कीट का नर आर्टिफीशियल गंध के कारण आकर्षित होकर फेरोमोन ट्रैप की कीप में गिर जाता है जो नीचे लगे हुये थैले से निकल नहीं पाता है
गंध (फेरोमोन) क्या है
यह एक प्रकार का कार्बनिक पदार्थ है जो किसी मादा पतिगा (माथ) द्वारा प्रकृति में उनके नर कीट को मैथुन क्रिया के लिए आकर्षित करने हेतु निष्कासित किया जाता है, विभिन्न कीटों की मादा द्वारा निष्कासित विभिन्न प्रकार के “कार्बनिक पदार्थों की पहचान कर ली गयी है और इन्हें प्रयोगशाला में सिन्थेसाइज्ड करके बड़े पैमाने पर उपयोग में लाया जा रहा है
कैसे उपयोग करें
प्रत्येक कीट के नरपतिंगों को बड़े पैमाने पर एकत्र करने के लिये सामान्यतः दो से तीन ट्रैप प्रति एकड़ पर्याप्त है
खेतों में इस ट्रैप को सहारा देने के लिये एक डण्डा गाड़ना होता है इस डण्डे के सहारे छल्ले को बाँधकर इसे लटका दिया जाता है ऊपर के ढक्कन में बने स्थान पर ल्यूर को फंसा दिया जाता है तथा बाद में छल्लों में बने पैरों पर इसे कस दिया जाता है कीट एकत्र करने की थैली को छल्ले में विधिवत् लगा कर इसके निचले सिरे को डण्डे के सहारे एक छोर पर बाँध दिया जाता है, इस ट्रैप की ऊँचाई इस प्रकार से रखनी चाहिये कि ट्रैप का ऊपरी भाग फसल की ऊंचाई से 1 से 2 फीट ऊपर रहे
इस ट्रैप को खेत में लगा देने के उपरान्त इसमें फसे पतिगों की नियमित जाँच की जानी चाहिए और पाये गये पतिंगों का आँकड़ा रखना चाहिये जिससे उनकी गतिविधियों पर ध्यान रखा जा सके बड़े पैमाने पर कीड़ों को पकड़कर मारने के उद्देश्य से जब इसका उपयोग किया जाय तो थैली में एकत्र कीड़ों को नियमित रूप से नष्ट कर थैली को बराबर खाली करते रहें जिससे उसमें नये कीड़ों को प्रवेश पाने का स्थान बना रहे
इस नई विधा का लाभ यह है कि कृषक अपने खेतों पर कीड़ों की सघनता का आंकन कर उनके अनुसार कीटनाशकों के उपयोग की रणनीति निर्धारित कर अनावश्यक रसायनिक उपचार से बच जायें
आवश्यक सावधानियां
1. फेरोमोन निष्कासन (ल्यूर) को एक माह में एक बार अवश्य बदल दें
2. ल्यूर ठण्डे एवं सूखे स्थान पर भण्डारित करें रेफ्रीजरेटर इसके लिए बहुत उपयुक्त है
3. उपयोग किये हुये ल्यूर को नष्ट कर दें / जमीन में गाड़ दें।
4. इस बात को सुनिश्चित करते रहें कि कीट एकत्र करने की थैली का मुंह बराबर खुला रहे और खाली स्थान बना रहे जिससे अधिकाधिक कीड़े एकत्र कर नष्ट किये जा सकें
यह प्रदर्शन महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. ए. के. गुप्ता तथा रावे कार्यक्रम अधिकारी डॉ. बी. एस. असाटी कार्यक्रम समन्वक डॉ. एस. ए. ढेंगे तथा कीट विज्ञान के सहायक प्राध्यापक डॉ. पंकज भार्गव के मार्गदर्शन में किया गया।

Author: Rajdhani Se Janta Tak



