धान खरीदी 4 उपार्जन केन्द्रों के किसानों को कृषि ऋण का नगदी भुगतान करने निकली गई आदेश पत्र

राजधानी से जनता तक । चरण सिंह क्षेत्रपाल ।गरियाबंद – जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित रायपुर के आदेशानुसार जिला सहकारी बैंक शाखा देवभोग के अंतर्गत 4 धान खरीदी उपार्जन केन्द्रों के किसानों ने इस साल धान नहीं बेचने से उच्च शाखा रायपुर द्वारा सोसायटी में धान उपार्जन केन्द्र में लिंकिंग के माध्यम से ऋण वसूली नहीं हो पा रही है।वे समितियां कृषक सदस्यों से संपर्क कर नगद वसुली किये जाने का आदेश किया गया है। और यह भी कहा गया है कि सबसे पहले किसानों को समझाईश दे कर 15 मार्च तक ऋण अदायगी करने के लिए किसानों से जानकारी दी जाए। यदि किसान ऋण अदायगी नहीं होने पर वे कालातीत हो जायेंगे । तथा उन्हें शून्य प्रतिशत ब्याज का लाभ लेने से वंचित रह जाएंगे । किसान यदि 15 मार्च तक ऋण अदायगी नहीं कर सकते है तो उनसे 11.25%+3%=14.25% ब्याज दर पर ऋण अदायगी करनी होगी। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित रायपुर छत्तीसगढ़ के निर्देश पर जिन जिन समितियों में धान विक्रय न करने वाले कृषकों से नगद ऋण वसुल करने के लिए आदेश किया गया है। उक्त किसानों को सूचना धान उपार्जन केन्द्रों के कर्मचारियों ने जानकारी अवगत कराया गया है। लेकिन 4 धान खरीदी उपार्जन केन्द्र में सम्मिलित हजारों किसानों ने जब से प्रशासन ने धान खरीदी कि शुरुआत कि गई है,उसी दिनों से अब तक समिति में धान नहीं बेचने का फैसला लिया है। अभी प्रशासन किसानों के पंजीयन किया गया रकबा को समर्पण करने के लिए मंडी समिति द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है। किंतु महज कि बात तो यह है कि हल्का पटवारी द्वारा गिरदावरी के वक्त किसानों का फसल को 90% सुखाग्रस्त घोषित किया गया है। यदि किसानों को फसल बीमा या सुखाग्रस्त का मुआवजा नहीं दिया जाता है तो किसान कही के नही होंगे ऊपर से किसानों के सिर पर कर्जा का बोझ दबाव बना हुआ रहेगा। दूसरी तरफ प्रशासन ऋण अदायगी करने के लिए जोर लगा रही है। किस तरह से ऋण अदायगी करेंगी किसान बड़े सामंजस्य में पड़ गए हैं ? किसानों के खेतों में इसी साल धान तो ठीक ढंग से नहीं हुई है। और इधर ऋण का नगदी भुगतान करने के लिए बैंक से किसानों को नोटिस जारी करने वाली है।4 धान खरीदी उपार्जन केन्द्र के किसानों ने स्पष्ट रूप से कह दिया है कि इसी साल धान समिति में बेच पाना मुश्किल है। इस लिए सभी किसानों ने किसान सभा का आयोजन रख कर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व विभाग में सुखाग्रस्त घोषित किए जाने लिखित माध्यम से ज्ञापन सौंपा गया था।तेल नदी पार छत्तीस गांवों के धान उपार्जन केन्द्र के अंतर्गत समिति मुख्यालय झिरीपानी,निष्ठीगुडा़,दिवानमुडा़,झाकर पारा,खोकसरा इन तमाम गांवों के किसानों ने मंडी में धान नहीं बेचने का फैसला लिया गया था। किंतु विधानसभा चुनाव जैसे ही खत्म हुई, तो राज्य में भाजपा सरकार बनते ही 2 समिति में धान खरीदी कि जाने लगी है। चौंकाने वाली बात यह है कि जब पटवारी द्वारा गिरदावरी करते वक्त फसल रकबा कम बताई गई है, अभी यह देखी जाए तो उसी रकबा में किसान धान अधिक दे रहे है। आखिर ऐसा क्या चमत्कार हो गया जो कि 2 धान उपार्जन केन्द्र में किसान लफा लफ धान मंडी में बेच रहे हैं। इधर बार्डर से लगा गांव के किसानों को धान तस्करी करने से बार- बार पकड़ी जा रही है। उनके ऊपर कार्रवाई भी हो रही है। शासन -प्रशासन के नियमों को परिपालन में लेते हुए, 4 धान खरीदी उपार्जन केन्द्र के किसानों ने अपना अपना कर्त्तव्य निभाने में कोई कसर नही छोड़ रहे है।तेल नदी पार छत्तीस गांवों के किसानों के दुर्गती की स्थिति को स्थानीय जनप्रतिनिधियों व उच्च श्रेणी के अधिकारियों के द्वारा अनदेखी क्यों किया जा रहा है। जब चुनाव जैसे ही नजदीक आते जाती है तो तरह – तरह के लुभावने वायदे घोषणापत्र में किए जाते हैं। इस तरह की स्थिति को देखकर शासन -प्रशासन तक खबर को पहुंचाई जानी चाहिए। ताकि शासन -प्रशासन सही वक्त पर संज्ञान लेकर तत्काल कार्य को प्रभावित किया जा सके। इस परिपेक्ष में आज सभी तेल नदी पार छत्तीस गांवों के किसानों ने लिखित रूप में कर्जा वसुली आदेश को देख कर किसानों का मन बहुत विचलित हो उठा है।

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

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