संवाददाता अशोक मनहर

(सारंगढ़–बिलाईगढ़) :- भटगांव के स्वामी आत्मानंद मिडिल स्कूल ने शिक्षा के क्षेत्र में एक मिसाल पेश की है। जहाँ सामान्यतः सरकारी स्कूलों की पढ़ाई को लेकर प्रश्न उठते हैं, वहीं यह स्कूल अपनी उत्कृष्ट कार्यप्रणाली और समर्पित शिक्षकों की वजह से लगातार चर्चा में है।
सूत्रों से जानकारी मिली कि यहाँ के छात्र न केवल संस्कृत पढ़ते हैं, बल्कि संस्कृत भाषा में परिचय देने और संवाद करने में भी दक्ष हो चुके हैं, जो किसी भी सरकारी स्कूल के लिए गौरव की बात है।
जब इस विषय में स्कूल के प्रधानपाठक खगेश दुबे से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि संस्कृत शिक्षक लक्ष्मीकांत सोनी के आने के बाद से स्कूल के शिक्षा स्तर में जबरदस्त सुधार हुआ है।
उन्होंने कहा कि “संस्कृत हमारा प्राचीन और गौरवशाली भाषा है। सोनी सर ने जिस लगन और मेहनत से बच्चों को संस्कृत सिखाया है, उसने पूरी स्कूल की छवि को बदल दिया है।”
संस्कृत शिक्षक लक्ष्मीकांत सोनी ने भी अपनी विनम्रता दिखाते हुए कहा कि स्कूल की प्रगति में पूरे स्टाफ का योगदान है। उनका कहना है कि सभी शिक्षक मिलकर बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं, जिसका परिणाम आज सामने है।
फील्ड विज़िट के दौरान जब कुछ छात्रों से बात की गई तो उन्होंने बड़े आत्मविश्वास के साथ संस्कृत में अपना परिचय दिया और श्लोक भी सुनाए। बच्चों की यह प्रगति देखकर स्पष्ट है कि स्कूल के शिक्षकों ने साबित कर दिया है —
“सरकारी शिक्षक और सरकारी व्यवस्था, यदि संकल्पित हों तो किसी भी प्राइवेट स्कूल को टक्कर दे सकते हैं।”
अंत में, स्कूल स्टाफ ने अभिभावकों से अपील भी की कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में अवश्य दाखिला दिलाएँ, क्योंकि आज सरकारी स्कूल भी शिक्षा की नई ऊँचाइयाँ छू रहे हैं।
यह उदाहरण बताता है कि सही दिशा, योग्य शिक्षक और समर्पण हो तो सरकारी स्कूल भी बच्चों का भविष्य उज्ज्वल बनाने में सक्षमता से आगे बढ़ सकते हैं।
Author: Rajdhani Se Janta Tak
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