वहीं के ट्रांसपोर्टर ज्यादा कर रहे हैं काम, एसकेएस, जेएसडब्ल्यू इस्पात की गाडिय़ां भी यहीं जा रही

खरसिया एनएच के आजू-बाजू सबसे ज्यादा फ्लाईएश डम्पिंग

राजधानी से जनता तक। रायगढ़।  फ्लाई एश की अवैध डंपिंग के मामले में ट्रांसपोर्टर अहम भूमिका निभा रहे हैं। उद्योग तो प्रति टन में ठेका देकर पल्ला झाड़ लेते हैं। ज्यादा फायदे के लालच में ट्रांसपोर्टर आसपास कहीं भी एश डाल रहे हैं। एश की सबसे ज्यादा अवैध डंपिंग रायगढ़-खरसिया एनएच किनारे होती है। हाल में चार ट्रांसपोर्टरों का नाम फ्लाई एश की अवैध डंपिंग में सामने आ रहा है। कोई भी उद्योग नियमत: एश का डिस्पोजल नहीं कर रहा है। पर्यावरण विभाग में अनुमति लेने वालों में करीब 14 उद्योग ही हैं, लेकिन 25 प्लांटों से एश का उत्सर्जन होता है।

सवाल यह है कि बाकी उद्योग एश का कहां डिस्पोजल करते हैं। जिन उद्योगों को अनुमति मिली भी है, वे भी तय मात्रा से अधिक एश डंप कर रहे हैं। कई उद्योगों ने इन ट्रांसपोर्टरों को ठेका दिया है। बिना अनुमति कहीं भी फ्लाई एश डाला जा रहा है। सबसे ज्यादा एश की डंपिंग खरसिया एनएच किनारे की गई है। यहां कई ढाबे भी अवैध तरीके से खुल गए हैं। जिनके पीछे एश डाला गया है।

प्रदूषण बहुत अधिक

खरसिया एनएच किनारे कई जगहों पर हजारों टन एश डाला गया है। इससे आसपास के गांवों में डस्ट की वजह से रहना मुश्किल हो गया है। उद्योग अपने हिस्से का एश गांवों पर थोप रहे हैं। सांठगांठ ऐसी है कि कोई कार्रवाई भी नहीं कर पाता। गांव के ही दबंग लोग ट्रांसपोर्टर से सेटिंग कर एश डंप करवाते हैं।

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

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