लिखित शिकायत होने के बाद भी प्रधान मुख्य वन संरक्षक रायपुर छत्तीसगढ़ और वन मंडला अधिकारी सूरजपुर के द्वारा नहीं किया गया पर कोई कार्यवाही
एसईसीएल भटगांव क्षेत्र के शिवानी भूमिगत कोयला खदान में वन पर्यावरण विभाग के सीटीओ समाप्त होने के बाद क्या खदान सिर्फ कागजों में है बंद ?
एसईसीएल महाप्रबंधक भटगांव प्रदीप कुमार के द्वारा शिवानी भूमिगत खदान से प्रतिदिन तीनो पाली में गुपचुप तरीके से कराया जा रहा है कोयले का उत्पादन
मोहन प्रताप सिंह
राजधानी से जनता तक. सूरजपुर/भटगांव:– एसईसीएल भटगांव महाप्रबंधक प्रदीप कुमार के गैर जिम्मेदाराना रवैया के कारण भटगांव एरिया अंतर्गत महान वन, महमाया परियोजना भूमिगत खदान, नवापारा लटोरी भूमिगत खदान, शिवानी भूमिगत खदान जैसे कई बंद होती कोयला खदानों की तुलना में नई खदानें नहीं खुल पा रही हैं। जहां वर्तमान में कई कोयला खदानों में उत्पादन करने के वन विभाग की अनुमति न प्राप्त होने के कारण स्थिति खराब है। वन पर्यावरण विभाग की आपत्ति के चलते कई खदानों से कोयला का भंडार होने के बाद भी उत्पादन बंद है। कामगारों में चर्चा है कि अरबों रुपए के घाटा को देखते हुए प्रबंधन की रुचि खदानों को चलाने की नहीं है। इसलिए इस तरह की स्थिति बन गई है। जिससे उत्पादन करने पर आपत्ति लग जाए और प्रबंधन को खदानों को बंद करने का बहाना मिल जाए। सैकड़ों कर्मचारियों को बिना कार्य के वेतन देना पड़ रहा है। कोयलांचल के निवासियों को नए प्रोजेक्ट से काफी उम्मीदें हैं। इसका बखान समय-समय पर प्रबंधन और श्रमिक संगठन करते रहे हैं ,जिससे लोगों को बड़ी उम्मीदें हैं, लेकिन निर्धारित समय से काफी विलंब होने के बाद भी इन खदानों के साथ साथ नई परियोजनाओं पर मूर्त रूप से काम नहीं होना निराशा को बढ़ा रही है वही इनमें से एक खदान शिवानी भूमिगत जो मार्च 2024 से मिली परमिशन समाप्त होने के करण कोयला उत्पादन बंद होने के बाद भी एसईसीएल महाप्रबंधक भटगांव प्रदीप कुमार की मनमानी और तानाशाही रवैया दिखाते हुए शिवानी भूमिगत खदान में चोरी चोरी उत्पादन कराया जा रहा है जो गैर कानूनी है और कहीं ना कहीं महाप्रबंधक के तानाशाही रवैया को संरक्षण विभागीय अधिकारियों के सथ-साथ प्रशासनिक अधिकारियों का मिलता दिखाई दे रहा है क्योंकि लिखित शिकायत किए जाने के बाद भी आज तक प्रधान मुख्य वन संरक्षक रायपुर छत्तीसगढ़ और वन मंडला अधिकारी सूरजपुर के द्वारा नहीं किया गया कोई कार्यवाही।
महाप्रबंधक बनने के बाद से तानाशाही रवैया अपनाए हुए है प्रदीप कुमार
बताना चाहूंगा कि प्रदीप कुमार जब से भटगांव क्षेत्र में पदस्थ हुए है उनके तानाशाही रवैया व दादागिरी के वजह से भटगांव क्षेत्र के कोयला खदानों का विनाश सामने दिख रहा है, वर्तमान में इस क्षेत्र में एक खदान चालू है जो उत्पादन कर रही है वो खदान महान- 3 है बाकी सारे खदान प्रदीप कुमार के निष्क्रियता और तानाशाही रवैया के कारण बंद पड़े हुए है उनकी निष्क्रियता ऐसा है कि ना तो ये पुराने खदानों को परमिशन लेकर चालू कर पा रहे हैं और न हीं नए कोयला खदान जो लगभग लगभग सारी प्रक्रिया पूरी होने के बवजूद भी नहीं खोल पा रहे हैं जिसका खामियाजा सैकड़ो मजदूरों को भुगतना पड़ रहा है। पूर्व में भी रायपुर वन मंडला अधिकारी व वन मंडला अधिकारी सूरनपुर को इसकी सूचना व लिखित शिकायत किया गया था परंतु जब जाँच टीम पहुंची कागजों में उत्पाउन सुनियोजित ढंग से महाप्रबंधक भटगांव प्रदीप कुमार के द्वारा नील दिखाकर अधिकारियों को भ्रमित कर शिकायत झूठा करार दिया गया।
छटपटाहट ऐसा की सारे नियम सिथिल कर रहे महाप्रबंधक भटगांव
एसईसीएल महाप्रबंधक भटगांव प्रदीप कुमार द्वारा कोयला उत्पादन की छटपटाहट में सारे नियम शिथिल कर कोल परिवहन करा कर सीएचपी और वारफाल भटगांव लाया जा रहा है जहा सारे ट्रक ओवरलोड लाते है और सीएचपी में वारफल के पास गड्ढे में ओवरलोड कोयले को सभी गाड़ियों से गिराया जाता है और उस कोयले को भटगांव भूमिगत खदान के कोल स्टॉक में दिखाकर वहा का उत्पादन बताया जाता है जिससे भटगांव कालरी लंबे समय से बिना कोल उत्पादन के चल रही है।
विजीलेंश सहित अन्य जांच एजेंसियों के कार्यशैली पर उठ रहें सवाल
एसईसीएल मैं यदि किसी प्रकार का गलत होता है या फिर गलत कार्यों के प्रति अधिकारी बढ़ते दिखाई देते हैं तो सबके नजर में सिर्फ एक ही बात आती है कि इसकी शिकायत विजीलेंस किया जाए तो कार्यवाही होगी लेकिन वर्तमान में विजीलेंस टीम भी भ्रष्टाचार में लिप्त होते दिखाई दे रही है क्योंकि विजीलेंस किसी भी गंभीर विषयों की शिकायत पर कोई प्रतिक्रिया तक नही देते बल्कि शिकायतकर्ता की सारी जानकारी जिसके खिलाफ शिकायत की गई है उसे देने से परहेज नहीं करती और विजीलेंस की टीम जब जांच करने खदान पहुंचती भी है तो पहुंचने से पहले संबंधित खदान को सूचित कर देती ताकि खदान को सुव्यवस्थित ढंग से किया जा सके और जच्चा टीम लेनदेन कर चलते बने और ठीक इसी प्रकार का रवैया वर्तमान में डीजीएमएस और डीडीएमस का है सिर्फ कमीशन लेने आते है जो एक प्रतिशत भी खान सुरक्षा और नियम विरुद्ध गलत कार्यों को रोकने में दिलचस्पी नही दिखाते कारण कमीशन आखिर न्याय कहा से मिलेगा।
कार्यवाही को लेकर क्यों गंभीर नहीं वन मंडला अधिकारी सूरजपुर
विश्वसनीय सूत्रों से सूचना प्राप्त होने पर की शिवानी भूमिगत खदान को गुपचुप तरीके से भटगांव महाप्रबंधक प्रदीप कुमार के तानाशाही रवैया अपनाते हुए चला रहे है जिसको लिखित शिकायत वन मंडला अधिकारी सूरजपुर सहित प्रधान मुख्य वन संरक्षक रायपुर छत्तीसगढ़ से 04/04/2024 को किया गया था लेकिन लगभग एक महीने से अधिक हो जाने के बावजूद भी विभागीय अधिकारियों के द्वारा इस विषय को संज्ञान में लेकर आज तक ना तो जांच करना उचित समझा गया तो कार्यवाही की बात भूल ही जाइए क्या ऐसे गैर कानूनी तरीके से कार्य करने के लिए यही विभागीय अधिकारी एसईसीएल महाप्रबंधक भटगांव प्रदीप कुमार को संरक्षण दिए हुए है ?
जिम्मेदारों की जुबानी
शिवानी भूमिगत खदान में प्रिपरेशन चालू है हम लोग अभी एक नया पैनल चालू करने का तैयारी कर रहे है बाकी सब बंद है जो चालू है उसका डीजीएमएस परमिशन दे दिया है और यह जमीन वन विभाग के अंतर्गत नहीं आता है यह जमीन गांव वालों की है जिसका मुवावज दिया जा चुका है जिसका परमिशन डीजीएमए के द्वारा लगभग 20 दिन पहले ही प्राप्त हो चुका है।
वी. के. सिंह, प्रभारी सबएरिया, शिवानी भूमिगत खदान एसईसीएल भटगांव क्षेत्र, जिला सूरजपुर छत्तीसगढ़।
मैं अभी कार्य क्षेत्र पर नहीं हूं मै छुट्टी पर हू इसलिए खदान से संबंधित किसी विषय पर बयान देने में असमर्थ हूं।
पार्थों राय सबएरिया शिवानी भूमिगत खदान, एसईसीएल क्षेत्र भटगांव, जिला सूरजपुर छत्तीसगढ़।
शिवानी खदान चालू है जिसमे से एक पैनल चल रहा है वही मै टेक्निकल तौर पर कुछ ज्यादा जानकारी दे नहीं पाऊंगा चुकी अंबिकापुर से डिपाटमेंटल कुछ लोग आए हुए थे तब से चालू है।
बीसी सेट्ठी, एरिया पर्सनल मैनेजर भटगांव एसईसीएल क्षेत्र, जिला सूरजपुर छत्तीसगढ़।
उक्त विषय में जब वन मंडला अधिकारी सूरजपुर से चर्चा की गई तो उनके द्वारा बताया गया की शिवानी खदान तो बंद है और मै फिलहाल रायपुर में हू मै वापस आकर जांच करवाता हू।
पंकज कमल, वन मंडला अधिकारी जिला सूरजपुर छत्तीसगढ़।