राजधानी से जनता तक|छत्तीसगढ़/कोरबा| गोपालपुर चौकी चैतमा के डेम से कई टुकड़ों में मिले शव के मामले में पुलिस ने प्रेमिका और उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया है। हत्या का यह सनसनीखेज मामला गोपालपुर डेम में शव के टुकड़े मिलने के बाद खुला। आरोपी ने शव के टुकड़े कर पहचान छिपाने की कोशिश की थी।
हत्या का खुलासा: पुलिस ने बताया कि शव के टुकड़े आधार कार्ड, पासपोर्ट और फ्लाइट टिकट के साथ मिले, जिससे मृतक की पहचान मोहम्मद वसीम अंसारी (26) निवासी कांतातोला, रांची, झारखंड के रूप में हुई। वसीम पिछले दो वर्षों से सऊदी अरब में रह रहा था।
सोशल मीडिया कनेक्शन: वसीम का परिचय सोशल मीडिया के माध्यम से ग्राम बांसटाल, चैतमा, थाना पाली की एक अवयस्क बालिका से हुआ था। बालिका और आरोपी रजा खान (20) एक-दूसरे को चाहते थे। बालिका ने रजा को वसीम के सऊदी अरब से वापस आने की जानकारी दी थी। आरोपी ने यह सोचकर वसीम को बुलाया कि वह विदेश से काफी रुपये लेकर आ रहा होगा।
हत्या की योजना: वसीम को 1 जुलाई 2024 को फ्लाइट से दिल्ली और फिर रांची बुलाया गया। 2 जुलाई को ट्रेन से बिलासपुर आने के बाद रजा खान की प्रेमिका वसीम को लेकर रजा के घर आ गई। रात 11 बजे रजा ने पीछे से लोहे के कत्ते से वसीम के गर्दन पर वार किया। वसीम के तड़पने पर प्रेमिका ने उसके पैर पकड़े और रजा ने वसीम का सिर धड़ से अलग कर दिया। फिर दोनों ने मिलकर वसीम के शरीर को टुकड़े-टुकड़े कर तीन प्लास्टिक बोरियों, एक पिठठू बैग और एक ट्रॉली बैग में बांधकर डेम में फेंक दिया।
हत्या के बाद मृतक के संपत्ति का किया उपयोग:
आरोपियों ने मृतक वसीम द्वारा पहनी हुई सोने की चैन और अन्य सामान घर में छिपा दिया। प्रेमिका को मृतक के मोबाईल का पासवर्ड पता रहने से वसीम के मोबाईल के यूपीआई आईडी चेक करने पर खाते में 03 लाख रूपये था जिसे अपने तथा कुछ अन्य खातों में ट्रांसफर कर प्रेमिका के लिए ज्वेलरी तथा अपने लिए मोबाईल व किराये बोलेरो का पेमेंट कर दिया।
गिरफ्तारी और जांच: पुलिस ने आरोपी रजा खान को उड़ीसा से ट्रांजिट रिमांड पर लाया। आरोपी की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त लोहे का कत्ता, मोटर साइकिल और मृतक का मोबाइल बरामद किया गया। आरोपी को न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
महत्वपूर्ण भूमिका: इस मामले के खुलासे में पुलिस अधीक्षक कोरबा सिद्धार्थ तिवारी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कटघोरा नेहा वर्मा, एसडीओपी कटघोरा पंकज ठाकुर, एफएसएल सीन ऑफ क्राइम यूनिट कोरबा के प्रभारी सत्यजीत कोसरिया और थाना पाली/चौकी चैतमा की टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
Author: Sangam Dubey
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