सप्त-दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ ! कथा का आज़ हैं छठवां दिन श्रीमद्भागवत गीता भारतीय संस्कृति का हृदय हैं । रामायण और महाभारत उसकी आंखें हैं – पंकजा और प्रज्ञा दीदी 

चांपा । भारतीय संस्कृति की आत्मा वेद-महापुराण हैं , उपनिषद उसका तत्व हैं । श्रीमद्भागवत गीता उसका हृदय हैं और रामायण तथा महाभारत उसकी दोनों आंखें हैं । भगवान श्रीकृष्ण और राम के जीवन गाथा पर अनेक काव्य और महाकाव्य लिखे गए हैं ,जो श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ वंदनीय हैं । तहसील रोड स्थित साहू निवास परिसर में श्री आनंद कंद प्रभु श्री अखिल ब्रह्माण्ड नायक श्रीकृष्ण जी की असीम अनुकम्पा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा हैं ।राजकुमार साहू सभापति ज़िला जांजगीर-चांपा के निवास स्थल पर श्रीमद्भागवत कथा महात्म्य का आयोजन दिनांक 17 नवंबर से 24 नवंबर, 2024 तक किया जा रहा हैं । श्रीमद्भागवत कथा का चतुर्थ दिनांक 17 नवंबर , 2024 से दिनांक 24 नवंबर 2024 तक आयोजित हैं ।दिनांक 20 नवंबर को सुप्रसिद्ध कथा वाचिका पंकजा दीदी व प्रज्ञा दीदी जी के श्रीमुख से वामन अवतार, श्रीराम चरित्र तथा कृष्ण जन्म की कथा सुनकर भक्त गण भक्तिरस से सराबोर हो गए । कथा के मुख्य यजमान शिवकुमार साहू तथा श्रीमति खिलेश्वरी साहू ने व्यासपीठ व अतिथियों का स्वागत-सत्कार किया । धार्मिक आस्था रखने वाले शशिभूषण सोनी ने बताया कि हमारे प्रियवर राजकुमार साहू सभापति ज़िला पंचायत जांजगीर-चांपा के विशेष आमंत्रण पर शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । कथा वाचिक द्वय दीदी पंकजा दीदी और प्रज्ञा बहन ने राधे दुप्पटा पहनाकर स्वागत-सत्कार की । शशिभूषण सोनी ने दैनिक समाचार-पत्रों से सम्बद्ध जगदीश पटेल सीजी टाईम्स न्यूज़-24 से चर्चा करते हुए बताया कि देवकी नंदन , देवकी पुत्र भारतीय समाज में भगवान श्रीकृष्ण सदियों से पूजित हैं । तार्किकता के धरातल पर कृष्ण एक ऐसे एकाकी नायक हैं जिनमें जीवन के सभी पक्ष मौजूद हैं । कृष्ण जन्म से पहले उनकी मृत्यु का समाचार रचा जाना और कारावास जैसे नकारात्मक परिवेश में जन्म होना किसी त्रासदी से कम नहीं था, परंतु विपरीत वातावरण के बावजूद नंदलाला, वासुदेव के पुत्र ने जीवन के सभी विधाओं बहुत ही उत्साह से जीवंत किया । श्रीकृष्ण की संपूर्ण जीवन कथा कई रुपों में दिखाई पड़ती हैं । इस अवसर पर जीवंत झांकियां सजाई गई । वासुदेव जी के वेश-भूषा में प्रवीण कुमार साहू, नंदबाबा के रूप में लक्ष्मण साहू तथा श्रीमति केसरी साहू यशोदा जी की भूमिका में थी । कथा का रसपान करने जगमोहन, जीवराखन , विजय कुमार देवांगन, फिरनलाल , सुद्धेलाल, जीतराम, रामसाय, लालमणि, अधिवक्ता राजकुमार, युवराज, गिरधर, रामाधार, मिठाई लाल, पुनी राम, शांति लाल, बंशीलाल,रमेश कुमार, दिलीप कुमार, संदीप मनीष, लक्ष्मी, छोटूराम साहु सहित अन्यान्न्य लोग मौजूद रहे ।

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

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