प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान को मिला नया संबल

जिला प्रमुख नवीन दांदडें
सुकमा, 04 दिसंबर 2025। सुकमा जिले में चल रहे जिला क्षय उन्मूलन कार्यक्रम को एक भावनात्मक और प्रेरणादायक बल मिला है। महज़ 5 वर्षीय मायरा केंद्रे ने अपना जन्मदिन जरूरतमंद टीबी प्रभावित बच्चों को समर्पित करते हुए एक मिसाल पेश की। मायरा ने अपने विशेष दिन पर 5 टीबी ग्रसित बच्चों को पोषण आहार वितरित किया और उनके साथ केक काटकर जन्मदिन मनाया।

मां से मिली सेवा की सीख
मायरा को यह प्रेरणा अपनी मां डॉ. अनुजा केंद्रे, स्त्री रोग विशेषज्ञ, जिला अस्पताल सुकमा, से मिली। पिछले वर्ष डॉ. अनुजा ने अपने जन्मदिन पर पांच नवजात शिशुओं को गोद लेकर उनके इलाज पूरा होने तक पोषण आहार उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी निभाई थी। उसी घटना ने मायरा के मन में बचपन से ही सेवा और सहयोग की भावना विकसित की।
परिजनों के अनुसार, मायरा ने लगभग एक वर्ष पहले ही निर्णय ले लिया था कि वह अपना अगला जन्मदिन टीबी प्रभावित बच्चों के साथ बिताएगी।
पोषण से मिलेगी बीमारी से लड़ने की ताकत
जिला क्षय उन्मूलन कार्यक्रम टीम ने बताया कि टीबी मरीजों, खासकर बच्चों के लिए उच्च पोषण आहार उपचार में अत्यंत अहम भूमिका निभाता है। सही पोषण से न सिर्फ रिकवरी तेज होती है, बल्कि बीमारी से लड़ने की क्षमता भी बढ़ती है।
स्वास्थ्य टीम और अभिभावकों ने मायरा की पहल को सराहते हुए कहा कि समाज में जागरूकता बढ़ाने में ऐसे छोटे–छोटे प्रयास भी बड़ी भूमिका निभाते हैं।
निश्चय मित्र बनकर आप भी जुड़ सकते हैं अभियान से
जिला क्षय उन्मूलन केंद्र ने नागरिकों से अपील की है कि वे टीबी मरीजों के पोषण और सहायता के लिए ‘निश्चय मित्र’ के रूप में जुड़कर अभियान को मजबूती दें। इच्छुक व्यक्ति जिला क्षय उन्मूलन केंद्र, सुकमा से संपर्क कर किसी जरूरतमंद मरीज का सहयोग कर सकते हैं।
मायरा की यह पहल साबित करती है कि सेवा की भावना उम्र नहीं देखती—एक 5 साल की बच्ची भी समाज में बड़ा बदलाव ला सकती है।
Author: Rajdhani Se Janta Tak
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