महिला उम्मीदवार को मिले मौका – लोकसभा चुनाव पर एक नजर

महिला उम्मीदवार को मिले मौका – लोकसभा चुनाव पर एक नजर

सीता टंडन 

राजधानी से जनता तक। जांजगीर। लोकसभा चुनाव की टिकट का फैसला बस कुछ ही दिन शेष हैं और सभी उम्मीदवार जोड़-तोड़ से लेकर तंत्र मंत्र का भी सहारा ले रहे हैं । जांजगीर लोकसभा आरक्षित होने के कारण एस सी वर्ग के हर वह शख्स पूरे तन मन से कोशिश में लगा है कि इस बार उसे ही मौका मिले खासकर भाजपा उम्मीदवार इस प्रयास में है किसी भी तरह यह मौका उन्हें मिल जाए क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि देश में मोदी लहर पूरे उफान पर है और इस लहर में भाजपा का कोई भी उम्मीदवार खड़ा हो जाए तो उसका जीतना सुनिश्चित है । अगर यह बात सच है तो फिर सांसद का पद अब लाभ के पद की तरह हो गया है जिसे किसी अनुसूचित जाति को उपकृत करने दिया जा सकता है इस मामले में बताया जा रहा है कि वर्तमान सांसद गुहाराम अजगल्ले का नाम सबसे ऊपर है लेकिन इस बात से सभी वाकिफ हैं कि फाइनल कुछ भी नहीं है । अब अगर मोदी लहर में उम्मीदवार को जीतना ही है तो यह जीत भी उसी को मिलनी चाहिए जो इसके योग्य हो और जो क्षेत्र और क्षेत्र की जनता के लिए कुछ काम कर सके और जनता के हित में अपनी आवाज बुलंद कर सके । इस मामले में कुछ लोगों का कहना है कि अब नये चेहरे को मौका दिया जाना चाहिए तो कुछ लोगों का यह भी कहना है कि अब महिला उम्मीदवार को मौका दिया जाना चाहिए । वर्तमान सांसद गुहाराम अजगल्ले की विशेषता अगर हम ढूंढना चाहे तो यही कहा जा सकता है कि वो अपने दल के लिए इतने वफादार हैं कि पिछले पांच सालों में उन्होंने लोकसभा में क्षेत्र को लेकर केवल एक प्रश्न किया था । अब इसे वफादारी कहे या डर , इसे पाठक स्वयं तय कर लें । लोकसभा जांजगीर के जागरूक मतदाताओं का यह भी मानना है कि अब तक गुहाराम अजगल्ले जैसा निष्क्रिय सांसद नहीं हुआ है और इसके साथ ही उनकी विशेषताओं पर चर्चा का दौर ही समाप्त हो जाता है । इस पद की दूसरी दावेदार पूर्व सांसद कमला पाटले है जो 15 और 16 लोकसभा चुनाव जीतकर दो बार सांसद रह चुकी है और शासन यह भी कहा जा सकता है कि अभी उनकी पारिवारिक और राजनीतिक परिस्थितियां अनुकूल नहीं है फिलहाल वे घर में ही विद्रोह को संभाल नहीं पाई है जैसा कि विधानसभा चुनाव में देखा गया है कि भाजपा से विधानसभा टिकट नहीं मिलने पर उनकी बेटी पूर्व जनपद अध्यक्ष चांदनी भारद्वाज आप पार्टी में चली गई और अपनी जमानत ही जब्त करवा चुकी है । राजनीति में जेलयात्रा गौरव की बात है लेकिन वही थाना की दहलीज अगर पारिवारिक मामलों में छुना पड़ जाये यह राजनीति में अपमानजनक स्थिति है । इसके अलावा पूर्व सांसद कमला पाटले दो बार सांसद की आसंदी पर विराजमान हो चुकी है इसलिए अब अन्य महिला जो पार्टी से निष्ठापूर्वक जुड़ी है और जिनका राजनीतिक जीवन बेदाग रहा हो , ऐसी महिलाओं को मौका देना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि के अनुकूल होगा । ऐसे में कुछ लोगों से पूछा गया तो उन्होंने पिछले ढाई दशक से भाजपा से जुड़ी भाजपा मोर्चा प्रदेश मंत्री सुनीता पाटले का नाम लिया जा रहा है और ऐसे बेदाग छवि और पार्टी की वफादार सुनीता पाटले भाजपा की पसंदीदा उम्मीदवार हो सकती है ।

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

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