बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ की दिलाई गई शपथ

बालिकाएं मोम की तरह मुलायम नहीं, चट्टान की तरह कठोर बनें – दीपिका शोरी
जिला प्रमुख नवीन दांदडें
सुकमा – जिले के ब्लॉक मुख्यालय छिंदगढ़ स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय, छिंदगढ़ (रानी बहाल) में आज लैंगिक उत्पीड़न निवारण एवं बाल संरक्षण को लेकर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग, बाल संरक्षण विभाग, सखी सहेली वन स्टॉप सेंटर सुकमा एवं जिला पुलिस के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम में बालिकाओं को साइबर अपराध, लैंगिक उत्पीड़न, यौन अपराध एवं बाल अपराध से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां दी गईं तथा उनसे बचाव के उपायों पर विस्तार से चर्चा की गई।
कार्यक्रम की शुरुआत में प्रमिला सिंह, महिला संरक्षण अधिकारी, सखी वन स्टॉप सेंटर सुकमा ने घरेलू हिंसा एवं लैंगिक उत्पीड़न के विषय में जानकारी दी। इसके पश्चात डालिमा गौर, केंद्र प्रशासक ने सखी सहेली सेंटर की सेवाओं के बारे में बताते हुए कहा कि यह केंद्र 24 घंटे कार्यरत है और किसी भी समय सहायता के लिए संपर्क किया जा सकता है।
शांति सेठिया, मिशन समन्वयक ने शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए बालिकाओं से कहा कि वे इन योजनाओं की जानकारी अपने परिजनों तक भी पहुंचाएं, ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ ले सकें।
इस अवसर पर पुलिस निरीक्षक पदमा जगत, जिला प्रभारी, आदिवासी थाना ने बच्चों को साइबर क्राइम के प्रति जागरूक करते हुए सोशल मीडिया के सुरक्षित उपयोग पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि इंटरनेट आज की आवश्यकता है, लेकिन इसका उपयोग सोच-समझकर और सतर्कता से करना चाहिए। उन्होंने बच्चों को निजी फोटो व वीडियो सोशल मीडिया पर साझा न करने की सलाह दी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की सदस्य एवं अधिवक्ता दीपिका शोरी ने बालिकाओं से कहा कि वे देश और समाज का भविष्य हैं। उन्होंने प्रेरक शब्दों में कहा कि “आप मोम की तरह मुलायम नहीं, बल्कि चट्टान की तरह कठोर बनें, ताकि कोई आपका शोषण न कर सके।”
उन्होंने सोशल मीडिया के दुरुपयोग से समाज में बेटियों के साथ हो रही घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए सजग और सुरक्षित व्यवहार अपनाने की अपील की। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि समाज में बाल विवाह के लिए कोई स्थान नहीं है और न ही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस समाज में बेटियां सुरक्षित होती हैं, वही समाज प्रगति करता है।
बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ की दिलाई गई शपथ
कार्यक्रम के अंत में अधिवक्ता दीपिका शोरी ने उपस्थित सभी बालिकाओं एवं कर्मचारियों को “बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़” की शपथ दिलाई। शपथ में यह संकल्प लिया गया कि न तो वे स्वयं बाल विवाह करेंगे और न ही अपने आसपास होने देंगे, बल्कि इसका पुरजोर विरोध करेंगे।
कार्यक्रम का संचालन एवं समापन विशाखा कश्यप, अधीक्षिका, कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय छिंदगढ़ (रानी बहाल) द्वारा किया गया।
Author: Rajdhani Se Janta Tak
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