नई दिल्ली । बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की प्रीलिम्स परीक्षा को रद्द करने की मांग का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें परीक्षा में व्यापक धांधली का आरोप लगाते हुए इसे रद्द करने की मांग की गई है। याचिका में प्रदर्शनकारी छात्रों पर पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार अधिकारियों (एसपी और डीएम) के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की गई है। याचिका में मुख्य रूप से परीक्षा रद्द करने का आदेश जारी करने की मांग की गई है, क्योंकि परीक्षा में व्यापक धांधली का आरोप लगाया गया है। याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में सीबीआई जांच की भी मांग की है ताकि धांधली के आरोपों की निष्पक्ष जांच हो सके। इसके अतिरिक्त, याचिका में प्रदर्शनकारी छात्रों पर पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग भी शामिल है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले पर जल्द सुनवाई का आग्रह किया है, और फिलहाल 7 जनवरी को सुनवाई होने की संभावना है।
13 दिसंबर की परीक्षा में गड़बड़ी
गौरतलब है कि 13 दिसंबर, 2024 को आयोजित BPSC पीटी परीक्षा के दौरान पटना के बापू परीक्षा परिसर में गड़बड़ी पाई गई थी, जिसके बाद आयोग ने उस सेंटर की परीक्षा रद्द कर दी थी। इसके बाद पटना के 22 केंद्रों पर आज परीक्षा फिर से आयोजित की जा रही है।
प्रशांत किशोर का अनशन और आरोप
छात्रों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे जन सुराज के मुखिया प्रशांत किशोर आमरण अनशन पर बैठे हैं, आज उनके अनशन का चौथा दिन है। उन्होंने परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए कहा कि “सीटें बिकी हुई हैं”। उन्होंने कहा कि 15 हजार बच्चों की परीक्षा में 3.5 लाख से ज्यादा बच्चे आंदोलित हैं, और हर जिले और गांव में खबर फैली है कि एक-एक नौकरी के लिए 30 लाख से 1.5 करोड़ तक लिए जा रहे हैं। उन्होंने सरकार से इस पर जवाब देने की मांग की है। प्रशांत किशोर ने कहा कि उनका अनशन जारी रहेगा और वे अपना काम कर रहे हैं, सरकार को अपना काम करने दीजिए। उन्होंने कहा कि वे पिछले ढाई साल से बिहार में काम कर रहे हैं और अगर वे राजनीति नहीं करेंगे तो क्या करेंगे? उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे केवल सत्ता में बने रहना चाहते हैं और उन्हें लोगों की चिंता नहीं है।
Author: Rajdhani Se Janta Tak
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