सेवा सहकारी समिति उदयपुर में खाद का गहरा संकट – किसान बेहाल, सरकार के खिलाफ उबाल – बड़े आंदोलन की चेतावनी

 

उदयपुर । खरीफ सीजन की बुआई लगभग पूरी हो चुकी है, लेकिन छत्तीसगढ़ के खैरागढ़-छुईखदान-गंडई विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सेवा सहकारी समिति उदयपुर में किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है। समिति के अंतर्गत कुल 6 ग्राम आते हैं, जिनमें हजारों किसान पंजीकृत हैं, लेकिन अधिकांश किसान डीएपी और यूरिया जैसी आवश्यक खादों के लिए बुरी तरह परेशान हैं। स्थिति इतनी विकराल हो चुकी है कि किसान रात 2 बजे से समिति के बाहर लाइन में खड़े हो रहे हैं, लेकिन फिर भी कई किसानों को एक भी बोरी खाद नहीं मिल रही। इस कारण किसानों में गहरी नाराजगी, हताशा और आक्रोश का माहौल है।

 

किसानों की आपबीती परेशान और हताश हैं अन्नदाता

 

मनोहर साहू, ग्राम बोरई के निवासी और छोटे किसान हैं। उन्होंने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा, पिछले साल मुझे 70 बोरी खाद प्राप्त हुई थी। इस साल बुआई पूरी हो चुकी है, लेकिन अभी तक एक भी बोरी खाद नहीं मिली। यह सीधे

 

सीधे किसानों के साथ अन्याय है। खेत तैयार हैं, लेकिन खाद के बिना फसल नहीं जम पाएगी।

 

भागवत जंघेल, ग्राम साल्हेकला के किसान ने बेहद गुस्से के साथ बताया,

हमारे गांव में 5 एकड़ जमीन वाले किसान को केवल 1 बोरी खाद दी जा रही है। क्या सरकार समझती है कि इतनी कम मात्रा में हम अच्छी उपज ले सकेंगे? यह खुला धोखा है, किसानों के साथ क्रूर मजाक किया जा रहा है।

 

डोमार जंघेल, साल्हेकला निवासी, ने बताया

“हम सुबह नहीं, बल्कि रात 2 बजे से लाइन में खड़े हो रहे हैं। जब हमारी बारी आती है, तो कहा जाता है कि खाद

 

खत्म हो गई। फिर कभी-कभी एक बोरी थमा दी जाती है और बाकी की जरूरत बाहर से महंगे दामों में खरीदनी पड़ती है। इससे हम कर्ज में डूब रहे हैं।”

 

राजनीतिक हमला सरकार पर लगा कृषि विरोधी होने का आरोप

 

इस गंभीर संकट पर युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष गुलशन तिवारी ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए तीखा हमला बोला। उन्होंने कहाः डबल इंजन की सरकार में किसानों के लिए डबल संकट पैदा हो गया है। एक ओर बेमौसम बारिश और महंगी बिजली है, दूसरी ओर समय पर खाद भी नहीं मिल रही। ऐसा लगता है कि सरकार चाहती ही नहीं कि किसान अच्छा उत्पादन करें, ताकि बाद में धान खरीदना न पड़े। सरकार पूरी तरह से किसान विरोधी हो गई है।”

 

बड़ा सवाल बिना खाद के कैसे उगेगी फसल ?

 

खेती का सबसे जरूरी आधार खाद जब किसानों को नहीं मिलेगा, तो फसल कैसे होगी? विशेषकर धान जैसी फसलें, जो छत्तीसगढ़ की कृषि रीढ़ मानी

 

जाती हैं, वे खाद की अनुपलब्धता में बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं। यदि यह स्थिति बनी रही, तो केवल किसान ही नहीं, बल्कि प्रदेश और देश की खाद्य सुरक्षा पर भी गंभीर संकट खड़ा हो जाएगा।

 

किसानों की चेतावनी व्यवस्था नहीं सुधरी तो होगा बड़ा आंदोलन

 

किसानों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि जल्द से जल्द खाद की पर्याप्त आपूर्ति नहीं की गई, तो वे सोसाइटी कार्यालयों और तहसीलों के सामने प्रदर्शन करेंगे। कई किसान संगठनों ने भी इस मुद्दे को लेकर आंदोलन की रणनीति बनानी शुरू कर दी है।

 

समाधान की मांग सरकार से 5 अहम मांगें

 

1. खाद की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।

2. सभी पंजीकृत किसानों को भूमि के अनुसार खाद उपलब्ध कराया जाए।

3. रात में लाइन लगाने की व्यवस्था खत्म हो, टोकन या डिजिटल सिस्टम लागू हो।

4. बाजार में हो रही कालाबाजारी पर रोक लगाई जाए।

5. खाद वितरण की स्वतंत्र जांच कराई जाए, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो।

Deendyal Yadav
Author: Deendyal Yadav

यह भी पढ़ें

[democracy id="1"]
October 2025
M T W T F S S
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  

टॉप स्टोरीज