राजधानी से जनता तक।
सारंगढ़।। नवीन जिला सारंगढ़ – बिलाईगढ़ के जनपद पंचायत सारंगढ़ में पिछले कई वर्षों से एक ही जगह जमे हुए हैं कार्यक्रम अधिकारी पटेल, जिसके वजह से न सिर्फ कामकाज प्रभावित हो रहा है अपितु एक ही जगह पर कर्मियों के जमे रहने से भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिल रहा है । इन्ही कारणों के मद्देनज़र सरकारी कर्मचारियों का जिला एवं राज्य स्तर पर तीन वर्षों के कलावधि के पश्चात स्थानांतरण के प्रावधान का नियम बनाया गया है। खासकर संविदा कर्मचारियों में इसका फायदा जमकर उठाया जा रहा है और मनमौजी किय जा रहा है। विभागीय सूत्रों की मानें तो जनपद पंचायत सारंगढ़ के कार्यक्रम अधिकारी जो हैँ पिछले कई वर्षों से एक ही जगह अंगद की तरह पैर जमाकर बैठे हुए हैं।जितने भी मनरेगा में निर्माण कार्य होती है इन्ही के देखरेख में होती है।इस जनपद पंचायत में पदस्थ होने के बाद वे यहां से हटना नहीं चाहते हैं। जनपद मुख्यालय में रहने से उन्हें कई तरह के फायदे भी मिल जा रहे है इसलिए एक ही दफ्तर में कुडंली मार कर बैठे हुए हैं।और तो और उनकी मर्जी के बगैर यंहा पत्ता तक नहीं हिलता कहें तो कोई शक नही हैं। ऐसे संविदा कर्मचारियों को तत्काल अन्यत्र स्थानान्तरण करने से केंद्र सरकार और राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजना मनरेगा की निर्माण कार्यो में गति बढ़ेगी।क्योंकि एक ही जगह में बसे हैं तो उन्हें मालूम है की कौन कैसा काम करा रहा है,जिस पंचायत मे साहब सुबह जांच में पहुंचते हैं,सरपंच के यहा बैठ कर चाय पर चर्चा करते हैं ,निर्माण कार्य देखते हैं, उसी पंचायत में जंगली पत्थर लगा कर पेंचिंग किया जा रहा है ये उनको नही दिखता ,और जब गांव के लोग शिकायत करते हैं तो उनके पदस्थ इंजिनियर कहता है मैं गारंटी लेता हूँ, दो साल तक उक्त निर्माण को कुछ नही होगा ? साथ ही हम आपको बता दे की यहां जो मनरेगा शाखा मे कार्यक्रम अधिकारी है वही जिला भी देख रहें हैँ ,और ब्लाक भी ।और शिकायतकर्ता जब भी निर्माण कार्यों की शिकायत लेकर जाता है तो कार्यवाही के नाम पर बस खाना पूर्ति की जाति है ।
आखिरकार मनरेगा शाखा मे कई सालो से एक ही जनपद में बसे कार्यक्रम अधिकारी का कब होगा तबादला जबकि इसी जनपद में कई सी ई ओ के स्थांनान्तरण हो चुके हैँ। मगर इस अधिकारी के ऊपर मेहरबान कौन ?
देखते हैं क्या खबर प्रकाशन के बाद नींद से जागते हैं उच्चाधिकारी या चीर निद्रा का परिचय देते प्रदर्शित होंगे।