फिंगेश्वर विकासखंड की लगभग सभी रेत खदानें चल रही धड़ल्ले से, मनमाने खनन एवं परिवहन से ग्रामीण, राहगीर एवं सड़कों की हो रही दुर्दशा, आचार संहिता के चलते रेत परिवहन कर रही वाहनों के मानो भाग्य खुल गए

राजधानी से जनता तक । राजिम । फिंगेश्वर विकासखंड में मात्र हथखोज की रेत खदान शासन द्वारा स्वीकृत है। शेष कोई भी रेत खदानों से खनन एवं परिवहन अवैध, गैर कानूनी ही नहीं बल्कि रेत माफियाओं द्वारा स्पष्टतः खनिज विभाग, राजस्व विभाग, पुलिस के साथ साथ विशेष रूप से जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों से मिलीभगत के साथ साथ भ्रष्टाचार की दर पर ही होना संभावित है। राजिम-फिंगेश्वर अंचल में इन दिनों प्रतिदिन लगभग 1 हजार से डेढ़ हजार हाईवा रेत चोरी कर धड़ल्ले से परिवहन की जा रही है। जो कि प्रशासन के सहयोग के बिना संभव नहीं है। विभाग एवं प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि हम बिना शिकायत कार्यवाही नहीं करेंगे। और शिकायत मिलने के बाद अनेक वाहनो, रेत माफिया को खबर करने एवं शिकायतकर्ता को काफी हराशमेंट करने की चेष्टाओं के बाद भी अगर शिकायतकर्ता अड़िग रहा तो खानापूर्ति कार्यवाही करने का स्वांग करते है।

क्या अधिकारियों-प्रशासन को दिन रात 24 घंटे रोड में परिवहन की जा रही रेतों से भरे हाईवा नजर नहीं आते अथवा सभी इस अनियमितता की तरफ से जनप्रतिनिधियों की राह के साथ साथ लंबे भ्रष्टाचार के नियमतीकरण के चकाचैध में इस तरफ से मुंह मोड़ लेते है इन दिनों आचार संहिता के चलते सभी प्रकार के वाहन चालकों पर खौफ छाया हुआ है। लाइसेंस, हेलमेट से लेकर कई प्रकार की जांच से वाहनों के मालिक को गुजरना पड़ रहा है। परंतु ठीक इसे इसके विपरीत रेत की हाईवा वाहनें तो आचार संहिता की अवधी में और भी धड़ल्ले से चल रही है। क्योंकि विभागीय अधिकारी एवं जिला प्रशासन तो चुनाव ड्यूटी के कारण बहाना कर रेत वाहनों के परिवहन की ओर से निश्चित है। किंतु अंचल के अनेक स्थानों पर जांच के नाम पर परेशान हो रही वाहनों के बीच अवैध रूप से धड़ल्ले से परिवहन कर रही बड़ी बड़ी हाईवा कैसे इन जांच नाकों को पार कर रही है यह जांच के साथ आश्चर्य चकित करने वाला मामला है। क्या ऐसा माना जावें कि बड़े बड़े जनप्रतिनिधि एवं प्रशासन के ऊंचे ओहदे में बैठे अधिकारियों ने जांच दलों को इस बारे में कोई निर्देश दे रखा है। नाम न छापने की शर्त पर एक राजनैतिक दल के कार्यकर्ता ने संदेह जताया है कि इन रेत परिवहन में जुड़ी वाहनों में बड़ी मात्रा में चुनावी बांटने वाली सामग्रीया, नगद राशि आदि की आवाजाही धड़ल्ले से की जा रही होगी। क्योंकि इन वाहनों को जांच के लिए रोका जाना कभी भी देखा नहीं गया है। इस संभावना में काफी दम है। फिंगेश्वर-राजिम क्षेत्र के परसदाजोशी, हथखोज, चैबेबांधा, पितईबंद, रावड़ विकासखंड से लगे ग्राम चंपारण, कुम्हारी आदि जगह रेत घाट है। जहां से हमेशा रेत का अवैध उत्खनन होता रहता है। इन रेत घाटों से रेत भरकर वाहनों ज्यादातर राजिम के सुंदरलाल शर्मा, नयापारा के दीनदयाल उपाध्याय चैक जैसे 24 घंटे व्यस्तम मार्गो से महानगरों की ओर जाती है। इससे इन रास्तों की हालत जहां दयनीय होती जा रही है। वही आवागमन कभी भी जानलेवा साबित हो सकता है। हथखोज के ग्रामीणों ने बताया कि यहाॅ नियमित रेत खदान के बाद भी जब चाहें तब दूसरी तरफ से अवैध खनन प्रारंभ हो जाता है और मनमाने ढंग से 2-3 चैन माऊंटिंग लगाकर दिनरात 24 घंटे खनन होने लगता है। जिससे ऐसा लगता है कि अवैध खनन वालों को कल की चिंता सताती है कि क्या जानें कब खनन बंद करना पड़ जावें। इस प्रकार के अवैध खनन एवं परिवहन करने वाले 24 घंटे चैकन्ने रहते है और जैसे ही कार्यवाही हो जाने की जानकारी उन्हें तथाकथित अपने सूत्रों से मिलती है वैसे ही 01 घंटे के अंदर मैदान ऐसा साफ हो जाता है कि यहाॅ सालो से कुछ खनन किया ही नहीं हो। बड़ी बड़ी चैन माऊंटिंग को आसपास के घरों, जंगल में छुपा दिया जाता है। इस प्रकार अवैध रेत उत्खनन का व्यवसाय यहाॅ दु्रतगति से फल फुल रहा है। अवैध खनन रेत स्थलों की स्थिति भी काफी दयनीय होती जा रही है। अवैध खनन के कारण काफी तेजी 2-2, 3-3 चैन माऊंटिंग लगाकर खनन किए जाने से रेत खदानें भाठा में बदलती नजर आने लगी है। यहाॅ घास-पूस उगने लगे है। इस प्रकार के अवैध खनन पर तत्काल सख्ती से रोक लगाने की जरूरत है। इन दिनों फिंगेश्वर विकासखंड की अधिकांश चिन्हित रेत खदानों में अवैध उत्खनन एवं परिवहन निर्वाध गति से हो रहा है। खनिज, राजस्व, पुलिस सहित जिला प्रशासन से इस प्रकार के धड़ल्ले से बेखौफ चल रहे अवैध उत्खनन के मामले में कठोर कार्यवाही की अपेक्षा ग्रामीणों ने की है।

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

छत्तीसगढ़ में लोकप्रिय होता हुआ राजधानी से जनता तक दैनिक अखबार के साथ न्यूज पोर्टल, यूटयूब चैनल,जो दिन की छोटी बड़ी खबरों को जनमानस के बिच पहुंचाती है और सेवा के लिए तत्पर रहती है dainikrajdhanisejantatak@gmail.com

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