2 अगस्त को केते एक्सटेंशन कोल खदान की जनसुनवाई, ग्रामीणों ने विरोधियों को दूर रहने लगाया बैनर-पोस्टर

राजधानी से जनता तक. रायपुर। केते एक्सटेंशन कोयला खदान के समर्थन में ग्रामीणों ने विरोधियों को भागने के लिए पोस्टर और बैनर लगाए हैं। उनका मानना है कि खदान से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और क्षेत्र का विकास होगा। ग्रामीणों का कहना है कि विरोध करने वाले बाहरी लोग हैं जो इलाके की प्रगति को रोकना चाहते हैं। उनके अनुसार, खदान से शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे में सुधार होगा। पोस्टरों पर लिखा है, “फर्जी आंदोलन बंद करो, आलोक का आना मना है। ‘आलोक शुक्ला हमारे गाँव में आना बंद करो।’ ‘आलोक शुक्ला इनाम के 1.8 करोड़ से कितने गाँव वालो का भला किया?’ कितने पेड़ लगाये?
ग्रामीणों ने बताया कि आलोक शुक्ला भोले-भले आदिवासियों को पैसा देकर जनसुनवाई में विरोध के रूप में आंदोलन करने बाहर से लाते है और क्षेत्र की जनता को भड़काते है।

क्षेत्र के ग्रामीणों ने आलोक शुक्ला पर आदिवासियों के नाम से मिले पुरस्कार पर भी सवाल किया और कहा कि आलोक शुक्ला को करोड़ों में इनाम मिला लेकिन किसी भी गाँव में उन्होंने एक पैसा नहीं दिया क्यों? ग्रामीणों का कहना है आलोक शुक्ला ने लोगो को ठगा है। विरोध करने वाले लोग समझें कि यह परियोजना उनके भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है। वे सरकार और कंपनियों से भी अपील कर रहे हैं कि खदान का काम जल्द शुरू हो ताकि उनकी स्थिति में सुधार हो सके। ग्रामीणों ने अपने समर्थन को स्पष्ट करने के लिए गांव के मुख्य चौक, स्कूल, पंचायत भवन और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर बैनर और पोस्टर लगाए हैं। उनका तर्क है कि कोल खदान से आने वाली राजस्व राशि से गांव में बिजली, पानी, और सड़कों जैसी मूलभूत सुविधाओं का विकास होगा। इसके अलावा, ग्रामीणों ने पंचायत बैठकों में भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया है और स्थानीय से अनुरोध किया है कि वे खदान परियोजना का समर्थन करें। उन्होंने यह भी कहा है कि विरोध करने वाले लोगों का उद्देश्य राजनीतिक है और वे स्थानीय हितों की परवाह नहीं करते। ग्रामीणों का यह भी मानना है कि कोल खदान से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को कम करने के लिए उचित प्रबंधन और सावधानी बरती जा रही है। ग्रामीण अपनी प्रगति और भलाई के लिए एकजुट हो गए हैं और अपनी आवाज़ को बुलंद करने के लिए विभिन्न माध्यमों का उपयोग कर रहे हैं। वही खदान से मिलने वाले रोजगार से युवाओं को अपने गांव में ही काम करने का मौका मिलेगा, जिससे पलायन की समस्या भी कम होगी। महिलाओं ने भी खदान के समर्थन में अपनी आवाज उठाई है।

उन्होंने कहा कि खदान से मिलने वाले लाभ से उनके बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार होगा। ग्रामीणों ने पोस्टरों और बैनरों में अपने संदेश लिखकर विरोधियों को यह स्पष्ट कर दिया है कि वे अपने और अपने परिवार के उज्ज्वल भविष्य के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। ग्रामीणों ने अपने समर्थन को दिखाने के लिए एकजुट होकर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया है और अपने अधिकारों और भविष्य के लिए मजबूत कदम उठाए हैं।

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

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