तुंगल बांध में अब दौड़ेगी पर्यटन की नाव

नक्सलवाद पर भारी पड़ रहा पर्यटन, बंदूक छोड़ थामी विकास की पतवार
जिला प्रमुख नवीन दांदडें
सुकमा – छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले से अब बंदूकों की गूँज नहीं, बल्कि पर्यटकों का उत्साह सुनाई देगा।मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देशन और वन मंत्री श्री केदार कश्यप के मार्गदर्शन में तुंगल बांध को एक शानदार इको-टूरिज्म स्थल के रूप में पुनर्जीवित किया गया है। यह स्थल न केवल प्रकृति प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना है, बल्कि क्षेत्र में शांति और विकास का नया अध्याय भी लिख रहा है।
पर्यटन के साथ पुनर्वास की अनूठी पहल
इस परियोजना की सबसे बड़ी विशेषता इसका संचालन है। तुंगल बांध पर्यटन स्थल की जिम्मेदारी आत्मसमर्पित और नक्सल प्रभावित परिवारों के स्वयं सहायता समूहों (SHG) को सौंपी गई है। यह कदम सामाजिक पुनर्वास की दिशा में एक मिसाल पेश कर रहा है।
प्रमुख आकर्षण बोटिंग और रोमांच होगा। पर्यटकों के लिए कयाकिंग, बांस राफ्टिंग और पैडल बोट की सुविधा मिलेगी। तुंगल बांध को ज्ञानवर्धक पिकनिक के रूप में विकसित किया जाएगा जहाँ पर हरे-भरे लॉन और बच्चों के लिए वन्यजीवों की जानकारी देने वाले साइन बोर्ड लगेंगे। यहाँ तुंगल नेचर कैफे की सुविधा मिलेगी और जल्द ही यहाँ पर्यटक बस्तरिया स्वाद और स्थानीय व्यंजनों का लुत्फ उठा सकेंगे।
भविष्य की योजना
कलेक्टर श्री अमित कुमार और डीएफओ श्री अक्षय भोंसले के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन यहाँ जल्द ही ‘स्टे फैसिलिटी’ और एडवेंचर स्पोर्ट्स शुरू करने की तैयारी में है, जिससे स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खुलेंगे।
Author: Rajdhani Se Janta Tak
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